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    'पत्रकारों की हत्या चौंकाने वाली', गाजा के अस्पताल में हमले के बाद आया भारत का रिएक्शन

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 11:17 AM (IST)

    गाजा के नासेर अस्पताल में इजरायली हमले में पांच पत्रकारों समेत 21 लोगों की मौत पर भारत ने दुख जताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत हमेशा से युद्ध में आम नागरिकों की मौत की निंदा करता रहा है। इजरायली सेना का दावा है कि हमास ने अस्पताल में सर्विलांस कैमरा लगाया था जिसे नष्ट करने के लिए हमला किया गया।

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    विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत हमेशा से युद्ध में आम नागरिकों की मौत की निंदा करता रहा है।

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गाजा के नासेर अस्पताल में इजरायली हमले में पांच पत्रकारों सहित 21 लोगों की मौत ने दुनिया को झकझोर कर रख दिया है। भारत ने इस हमले को हैरान करने वाला और गहरा अफसोसजनक बताया है।

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    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत हमेशा से युद्ध में आम नागरिकों की मौत की निंदा करता रहा है। इस हमले में अल जजीरा के मोहम्मद सलामा, रॉयटर्स के कैमरामैन हुसाम अल-मसरी और फ्रीलांस पत्रकार मारियाम अबु दक्का की जान गई। यह हमला डबल-टैप अटैक था, जिसमें एक के बाद एक दो हमले किए गए।

    भारत ने हमले की निंदा की

    भारत ने इस घटना पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि पत्रकारों की हत्या निंदनीय है। जायसवाल ने बताया कि इजरायली अधिकारियों ने इस हमले की जांच शुरू कर दी है।

    दूसरी ओर, इजरायल के प्रधानमंत्री कार्यालय ने इसे दुखद भूल करार देते हुए पत्रकारों, मेडिकल स्टाफ और आम नागरिकों के काम को अहम बताया है। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह हमला हुआ क्यों और इसके पीछे की वजह क्या थी?

    कैसे हुआ हमला?

    इजरायल की सेना (आईडीएफ) ने दावा किया कि नासेर अस्पताल के परिसर में हमास ने एक सर्विलांस कैमरा लगाया था, जो उनकी गोलानी ब्रिगेड की गतिविधियों पर नजर रख रहा था।

    इस कैमरे को नष्ट करने के लिए ड्रोन हमला किया गया। इसके बाद सैनिकों को लगा कि वहां राइफल स्कोप है, जिसे उन्होंने तत्काल खतरा समझा और टैंक से चार गोलों की फायरिंग की। इजरायल का कहना है कि मारे गए 21 लोगों में से 6 आतंकी थे, जिनमें एक वह शख्स भी था, जो 7 अक्टूबर 2023 के हमले में शामिल था।

    हमले को लेकर उठ रहे सवाल

    लेकिन यह दावा कई सवाल खड़े करता है। अल जजीरा के पत्रकार तारिक अबु अज्जौम ने बताया कि इस हमले ने पूरे इलाके में दहशत फैला दी।

    नासेर अस्पताल में मरीज, पत्रकार और आम लोग डर के साये में हैं। अस्पताल जैसे सुरक्षित स्थान पर हमला, वह भी डबल-टैप तरीके से, अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून का उल्लंघन है। पहला हमला इमारत के ऊपरी हिस्से पर हुआ और जब पत्रकार व बचावकर्मी सीढ़ियों पर पहुंचे तो दूसरा हमला हुआ।

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