गोवा नाइटक्लब अग्निकांड: टिंडरबॉक्स, फ्यूज जलाया और ब्लास्ट... कैसे हुई 25 लोगों की मौत?
गोवा के एक नाइट क्लब में आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई। जांच में पता चला कि क्लब में ज्वलनशील पदार्थों से सजावट की गई थी और केवल एक संकरा रास्ता था ...और पढ़ें

गोवा नाइटक्लब अग्निकांड की पूरी कहानी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गोवा के नाइट क्लब में शनिवार को हुए भीषण हादसे ने सभी को हिलाकर रख दिया है। छुट्टियों के पीक सीजन से पहले इस तरह की घटना सुरक्षा पर कई सवाल खड़े करती है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है हादसे के वजह सामने आ रही है। आइये सिलसिलेवार तारिके से समझने की कोशिश करते हैं कि आखिरी इतना बड़ा हादसा कैसे हुआ?
शनिवार को नॉर्थ गोवा के अरपोरा में 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइट क्लब में अचानक आग लगने से 25 लोगों की मौत हो गई। जांच में पाया गया कि क्लब के अंदर सजावट के लिए इस्तेमाल की गई चीजें आग पकड़ने वाली थी।
स्ट्रॉ और ताड़ के पत्तों से यहां सजावट की गई थी जो आसानी से आग पकड़ लेती हैं। इसके साथ ही एक ही एंट्री-एग्जिट बनाया गया था जो कि बेहद सकरा था। क्लब के अंदर सुरक्षा के लिहाज से फायर सेफ्टी नियमों की अनदेखी की गई थी।

कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा?
आसान भाषा में इस कुछ यूं समझिये कि इस नाइट क्लब को आग लगाने वाले डिब्बे की तरह बनाया गया था। इसके साथ ही इलेक्ट्रॉनिक पटाखों का इस्तेमाल हद से ज्यादा किया गया। नतीजा ये हुआ कि भीषण आग लगी जिसने 25 लोगों की जान ले ली।
शनिवार रात की त्रासदी के दो दिन बाद मलबे को समेटा जा रहा है। क्लब के मालिकों के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या और लापरवाही का केस दर्ज किया गया है। स्टाफ के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। कई पंचायत अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है।
सजावट बनी आग के तेजी से फैलने की वजह
'Birch By Romeo Lane' के इंस्टाग्राम हैंडल पर इसे फर्स्ट आइलैंड क्लब बताया गया है। तस्वीरों में छत समेत सजावट में बांस का बहुत ज्यादा इस्तेमाल दिखाई पड़ता है। वीडियो में दिख रहा है कि आग कुछ ही मिनटों में छत पर फैल गई, जिससे पता चलता है कि आग पकड़ने वाली चीजों के इस्तेमाल से ये हादसा इतना बड़ा हो गया।
इतना ही नहीं आइलैंड क्लब तक जाने के लिए एक पतला रास्ता था। यह रास्ता क्लब का एंट्रेंस-कम-एग्जिट था। इसमें कुछ कैनोपी जैसे आर्च थे, जो आग पकड़ने वाली चीजों से बने थे।
फायरफाइटर्स को अंदर जाने में आई परेशानी
क्लब में कोई चौड़ा एंट्रेंस नहीं था जिससे फायर इंजन वहां तक पहुंच सके। फायरफाइटर्स ने कहा कि उन्हें फायर इंजन क्लब से करीब 400 मीटर दूर पार्क करन पड़ा। इससे रेस्क्यू मिशन मुश्किल हो गया और शायद इसी वजह से ज्यादा मौतें हुईं।
जांच में यह भी पता चला है कि क्लब के पास फायर सेफ्टी क्लीयरेंस नहीं था। हैरानी की बात है कि क्लब में कोई चालू फायर एक्सटिंग्विशर या सेफ्टी अलार्म नहीं मिला।
स्टेज छोड़ भागे डांसर और म्यूजिशियन
शनिवार रात, 'बर्च बाय रोमियो लेन' एक बॉलीवुड बैंगर नाइट होस्ट कर रहा था। इवेंट के लिए एक DJ, डांसर और म्यूजिशियन को बुलाया गया था। वायरल होते वीडियो में एक डांसर 'महबूबा महबूबा' गाने पर नाच रही है और भीड़ उसे चीयर कर रही है, तभी इलेक्ट्रिक पटाखे फूटते हैं जिससे चीयर और तेज हो जाति हैं। कुछ देर बाद, छत पर आग की लपटें दिखाई देती हैं।
इस दौरान क्लब जे दो स्टाफ कंसोल की तरफ दौड़ते हुए और आग के नीचे से एक लैपटॉप निकालते हुए दिखते हैं। शुरू में भीड़ घबराई हुई नहीं लगती, और कोई डांसर की तारीफ में यह भी कहता है, 'आग लगा दी आपने'। हैरानी की बात है कि लोगों को चेतावनी देने और शांति से जगह से बाहर निकलने के लिए कहने के लिए कोई अनाउंसमेंट नहीं की जाति है।
जैसे ही आग फैलती है, म्यूजिशियन अपने इंस्ट्रूमेंट छोड़कर सुरक्षित जगह भागते हैं। फिर डांसर, स्टाफ और भीड़ में मौजूद लोग बाहर निकलने लगते हैं।
बेसमेंट में मौत का जाल
अब तक मिली जानकारी के अनुसार, अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई और क्लब में जमा भीड़ पतली सी एग्जिट की तरफ जाने लगी। इस अफरा-तफरी में, कुछ टूरिस्ट बेसमेंट में किचन की तरफ भागे, जहां करीब 20 स्टाफ मेंबर काम कर रहे थे।
जब तक उन्हें गलती का एहसास हुआ और उन्होंने वापस मुड़ने की कोशिश की, तब तक पूरी मंजिल में आग लग चुकी थी, जिससे एग्जिट का उनका रास्ता ब्लॉक हो गया। इस बीच, जहरीला धुआं बेसमेंट और किचन में भर गया था, जिससे वह मौत का जाल बन गया था।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ज्यादातर लोगों की मौत जलने से नहीं, बल्कि जहरीला धुआं अंदर लेने के बाद दम घुटने से हुई। क्लब तक जाने वाली पतली सड़क फायरफाइटर्स के लिए एक चुनौती साबित हुई, और जब तक वे बेसमेंट तक पहुंचे तब तक बहुत देर हो चुकी थी।

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