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    Gold-Silver Return: शेयर बाजार नहीं, त्योहार पर चांदी-सोने का रहेगा बोलबाला... ये है पूरा गणित

    Updated: Sun, 05 Oct 2025 08:30 PM (IST)

    त्योहारी सीजन में सोना और चांदी ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है जबकि शेयर बाजार में कोई खास वृद्धि नहीं हुई। पिछले साल अक्टूबर से इस साल अक्टूबर तक सोने ने 40% और चांदी ने 50% से अधिक का रिटर्न दिया है। डालर के मुकाबले रुपए में गिरावट और वैश्विक उथल-पुथल के कारण निवेशकों का रुझान सोने-चांदी की ओर बढ़ा है।

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    अक्टूबर तक सोने ने 40 प्रतिशत तो चांदी ने 50 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले साल त्योहारी सीजन से तुलना करने पर सोना और चांदी ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। शेयर बाजार में इस दौरान कोई बढ़ोतरी नहीं दिख रही है। पिछले साल अक्टूबर की तुलना में इस साल अक्टूबर तक सोने ने 40 प्रतिशत तो चांदी ने 50 प्रतिशत से अधिक का रिटर्न दिया है। 24 कैरेट सोने की कीमत फिजिकल बाजार में 1.21 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गई है जबकि पिछले साल पांच अक्टूबर को यह कीमत 78,240 रुपए प्रति 10 ग्राम थी।

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    चांदी की कीमत अभी 1.50 लाख रुपए प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह कीमत 92-93 हजार रुपए प्रति किलोग्राम चल रही थी। दूसरी तरफ सेंसेक्स पिछले साल भी इस अवधि में 81,000 अंक के पास था और इस साल भी इसी आसपास चल रहा है। जानकारों का कहना है कि इस साल के आरंभ में अमेरिका में सत्ता परिवर्तन के बाद वहां की व्यापार नीति में बदलाव ने पूरे वैश्विक व्यापार को प्रभावित किया है।

    कंपनियों के शेयर भाव पर असर

    रूस-यूक्रेन व मध्य एशिया में जारी युद्ध के कारण दुनिया में पहले से ही उथल-पुथल चल रहा था। ऐसे में निवेशकों ने शेयर बाजार की जगह सोने व चांदी में निवेश करना शुरू किया इस साल खासकर चांदी की चमक लगातार बढ़ती गई। डालर के मुकाबले रुपए में हो रही गिरावट से भी सोने व चांदी की कीमत में तेजी को समर्थन मिल रहा है। एमके ग्लोबल फाइनेंस सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक चांदी की बढ़ती कीमतों का असर चांदी के उत्पादन व आभूषण बनाने वाली कंपनियों के शेयर भाव पर भी दिख रहा है।

    हिंदुस्तान जिंक के शेयर में पिछले कुछ दिनों से बढ़ोतरी हो रही है। रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसका उत्पादन मांग के मुकाबले नहीं बढ़ पा रहा है। ग्रीन एनर्जी, इलेक्टि्रक वाहन, मोबाइल फोन, इलेक्ट्रॉनिक वस्तु, सोलर पैनल, टेलीस्कोप, मिरर जैसे आइटम के निर्माण में चांदी का इस्तेमाल होता है और इन आइटम का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। अमेरिका, चीन और भारत में चांदी की सबसे अधिक खपत होती है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले महीनों में चांदी की कीमतों में तेजी दिख सकती है।

    चीन-भारत में सोने की अधिक खपत

    भारत में लगभग 700 टन चांदी का उत्पादन होता है जबकि चांदी की मांग पिछले नौ महीनों में 5500-6000 टन के बीच बताई गई। वर्ष 2024 में 7669 टन चांदी की मांग निकली थी। मुख्य रूप से आयात से ही चांदी की आपूर्ति की जाती है। एलकेपी सिक्युरिटीज के वीपी, रिसर्च एनालिस्ट-कमोडिटी एंड करेंसी जतिन त्रिवेदी के मुताबिक वैश्विक हालात को देखते हुए सोने में भी मजबूती कायम रहेगी। चीन के बाद सोने की सबसे अधिक खपत भारत में होती है और भारत सालाना 750-800 टन के बीच सोने का आयात करता है।

    हालांकि फिजिकल बाजार के सराफा कारोबारियों का कहना है कि इस बार त्योहार पर सोने की ऊंची कीमत को देखते हुए चांदी के आभूषणों के प्रति लोगों का आकर्षण बढ़ सकता है। सोने का प्रति ग्राम भाव 12,000 चल रहा है जबकि चांदी अब भी प्रति ग्राम 150 रुपए पर है। तेजी को देखते हुए दिवाली पर सोने से अधिक चांदी की बिक्री हो सकती है।

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