सोने की कीमतों में उछाल के बावजूद धनतेरस पर भारी बिक्री की उम्मीद, एक साल में 55 हजार की बढ़ोतरी
बाजार में सोने की बढ़ती कीमतों के बावजूद, ग्राहकों की रुचि बरकरार है और धनतेरस पर पिछले साल से अधिक बिक्री की उम्मीद है। पिछले वर्ष में सोने की कीमत में 55 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम की वृद्धि हुई है। तनिष्क जैसे ब्रांड पुराने सोने के बदले नए जेवर बिना शुल्क के प्रदान कर रहे हैं, जिससे ग्राहकों को लाभ हो रहा है और सोने का पुनर्चक्रण बढ़ रहा है। घरों में रखे सोने को बाजार में लाने से आयात कम हो सकता है।

सोने की कीमतों में इजाफा। (फाइल)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सोने की बढ़ती कीमत के बावजूद बाजार में ग्राहकी में कमी नहीं दिख रही है। सोने की खरीदारी को लेकर ग्राहकों का रुख कहीं से कमजोर नहीं दिख रहा है और धनतेरस पर सोने की खरीदारी में पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी की ही उम्मीद की जा रही है। पिछले एक साल में सोने के भाव में 55 हजार प्रति 10 ग्राम की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
शुक्रवार को दिल्ली के सराफा बाजार में 24 कैरेट सोने का भाव 1,33,605 रुपए प्रति दस ग्राम बताया गया जबकि पिछले साल 17 अक्टूबर को दिल्ली के सराफा बाजार में 24 कैरेट सोने का भाव 78,800 रुपए प्रति 10 ग्राम था। तनिष्क के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अरुण नायर ने बताया कि सोने की खरीदारी को लेकर ग्राहक पूरी तरह से सकारात्मक है और यह रुख सिर्फ मेट्रो या बड़े शहरों में ही नहीं है। छोटे शहरों में भी सोने की खरीदारी में तेजी दिख रही है।
पुराने जेवर देकर बिना शुल्क के नए जेवर
उन्होंने बताया कि देश के छोटे-बड़े 300 शहरों में तनिष्क के 520 स्टोर है जहां काफी ग्राहक इन दिनों पुराने सोने को देकर नए जेवर बनवाने के लिए आ रहे हैं। गत 22 सितंबर से तनिष्क में पुराने सोना या जेवर देकर नए जेवर बिना किसी शुल्क के बनवाने की पेशकश चल रही है।
नारायण ने बताया कि 25 दिनों में अब तक लगभग 50,000 लोग इस पेशकश का लाभ उठा चुके हैं। एक अनुमान के मुताबिक देश में 25,000 टन सोना घरों में रखे हुए हैं। इस स्कीम को लाने के पीछे उद्देश्य है कि लोग घरों में रखे पुराने सोने को निकाले और उसी का रिसाइकिल कर नए जेवर को बनाया जाए। इससे सोने के आयात में कमी आएगी जिससे देश की विदेशी मुद्रा की बचत होगी।
सोने का भाव थमने का नाम नहीं ले रहा
भारत सालाना 750-800 टन सोने का आयात करता है। नारायण ने बताया कि अगर घरों में रखे सोने को बाजार में ला दिया जाए तो सोने के आयात में भारी कमी आ सकती है। उन्होंने बताया कि आगामी दिसंबर-जनवरी में काफी शादियां होती हैं, इसलिए भी सोने की खरीदारी हो रही है क्योंकि सोने का भाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसलिए शादी से जुड़े घरों में खरीदारी हो रही है।
धनतेरस पर अच्छी बिक्री की उम्मीद
अगस्त-सितंबर से सोने का दाम चढ़ने लगा था और तब लोगों ने इस उम्मीद में खरीदारी कम कर दी कि शायद सोने का दाम कम हो जाए। लेकिन ऐसा नहीं होता देख अब लोग सोना खरीदने के लिए बाहर निकल पड़े हैं।
नारायण ने बताया कि सोने का भाव राकेट की तरह ऊपर चढ़ रहा है, फिर भी धनतेरस पर अच्छी बिक्री की उम्मीद की जा रही हैं क्योंकि सोने के साथ भारत में लोगों की आस्था जुड़ी है। लोग जेवर के अलावा सोने के सिक्के की खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं क्योंकि यह शुद्ध निवेश का काम करता है।
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