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    ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा... तुर्किये की मदद से ढाका चल रहा नापाक चाल; संसद में एस जयशंकर ने किया खुलासा

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Fri, 01 Aug 2025 11:30 PM (IST)

    तुर्किये समर्थित समूह द्वारा ग्रेटर बांग्लादेश के नक्शे में भारतीय क्षेत्र को दर्शाने पर भारत सरकार सतर्क है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ढाका में सक्रिय सल्तनत-ए-बांग्ला नामक इस्लामी समूह पर उनकी नजर है जिसे एक तुर्किये एनजीओ का समर्थन प्राप्त है। समूह द्वारा जारी नक्शे में भारत के कई राज्य शामिल हैं। भारतीय एजेंसियां बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ समूह की निकटता को लेकर चिंतित हैं।

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    ग्रेटर बांग्लादेश के नक्शे में भारतीय क्षेत्र को दर्शाया है: एस जयशंकर।(फोटो सोर्स: पीटीआई)

    आइएएनएस, नई दिल्ली। तुर्किये समर्थित समूह ने अपने ग्रेटर बांग्लादेश के नक्शे में भारतीय क्षेत्र को दर्शाया है। इसे लेकर भारत सरकार ने कहा है कि ढाका में सल्तनत-ए-बांग्ला नाम से सक्रिय इस्लामी समूह पर उनकी नजर है। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने कहा कि समूह को एक तुर्किये एनजीओ (तुर्किये युवा संघ) का समर्थन प्राप्त है।

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    इस समूह ने तथाकथित ग्रेटर बांग्लादेश का एक नक्शा जारी किया है, जिसमें भारत के कुछ हिस्से शामिल हैं। मंत्री ने राज्यसभा में कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला के तारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में यह बात कही।

    ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा जारी किया गया था

    सल्तनत-ए-बांग्ला ने इस साल की शुरुआत में शाहबाग स्थित ढाका विश्वविद्यालय के शिक्षक-छात्र केंद्र में एक कार्यक्रम में ग्रेटर बांग्लादेश का नक्शा जारी किया था। खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों ने कहा कि यह समूह कट्टरपंथी विचारधाराओं को पुनर्जीवित करने का प्रयास कर रहा है और बांग्लादेश में उन युवाओं को संगठित कर रहा है, जो ग्रेटर बांग्लादेश के निर्माण के पक्ष में हैं।

    समूह द्वारा जारी तथाकथित ग्रेटर बांग्लादेश के विवादास्पद नक्शे में म्यांमार का अराकान क्षेत्र और भारत का बड़ा हिस्सा शामिल है, जिसमें बंगाल, झारखंड, त्रिपुरा, असम, बिहार, ओडिशा और अन्य पूर्वोत्तर राज्य शामिल हैं। भारतीय एजेंसियां इस समूह की बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के साथ निकटता को लेकर अधिक चिंतित हैं।

    NGO की मुख्य वित्तपोषक हैं दीना अफरोज यूनुस

    पता चला है कि संगठन को मिलने वाला धन दीना अफरोज यूनुस से जुड़ा है, जो मुहम्मद यूनुस की बेटी है। वह कथित तौर पर एक गैर सरकारी संगठन सीएसएस-बांग्लादेश की मुख्य वित्तपोषक हैं। इस एनजीओ की पहचान संगठन शाखा, बारावा-ए-बंगाल के लिए रसद और भर्ती केंद्र के रूप में की गई है। यह उपसमूह बांग्लादेश के युवाओं की भर्ती और उन्हें अपने विचारों से प्रभावित करने का काम करता है।

    इस बीच, एक प्रमुख अमेरिकी थिंक टैंक ने कहा है कि मोहम्मद यूनुस का अर्थशास्त्री से अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में परिवर्तन बांग्लादेश के लिए घातक साबित हुआ है, क्योंकि उनके कार्यकाल में कट्टरपंथी इस्लामी प्रभाव के बढ़ने से देश के धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र से एक धर्मशासित में बदलने का खतरा पैदा हो गया है।

    गेटस्टोन इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट में कहा गया है कि यूनुस के नेतृत्व में राजनीतिक स्थिति से पता चलता है कि सरकार एक और असफल देश की ओर बढ़ रही है, जो आतंकियों के लिए अनुकूल स्थिति में है।

    वहीं, बांग्लादेश अवामी लीग ने घोषणा की है कि पार्टी, संबद्ध और समान विचारधारा वाले सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संगठनों के साथ मिलकर बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की 50वीं शहादत वर्षगांठ मनाने के लिए अगस्त में कार्यक्रमों की एक श्रृंखला आयोजित करेगी।