GST 2.0: भुगतान और बिल जेनरेट के मुताबिक लगेगा जीएसटी, तीन दिनों में पोर्टल पर पंजीयन करा सकेंगे कारोबारी
आगामी 22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू होने जा रही है और 300 से अधिक आइटम की जीएसटी दरों में बदलाव किया गया है। कारोबारियों के पास पुराने स्टॉक भी है। ऐसे में कारोबारियों में इस बात को लेकर असमंजस है कि माल पहले भेजने पर और भुगतान 22 सितंबर के बाद लेने पर उन्हें किस दर से जीएसटी का भुगतान करना होगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी 22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू होने जा रही है और 300 से अधिक आइटम की जीएसटी दरों में बदलाव किया गया है।
माल पहले भी भेज दिया है तो फर्क नहीं
कारोबारियों के पास पुराने स्टॉक भी है। ऐसे में कारोबारियों में इस बात को लेकर असमंजस है कि माल पहले भेजने पर और भुगतान 22 सितंबर के बाद लेने पर उन्हें किस दर से जीएसटी का भुगतान करना होगा। क्योंकि कारोबारी अक्सर ऐसा करते हैं कि माल पहले भेज देते हैं और भुगतान बाद में लेते हैं। कई बार भुगतान पहले ले लेते है और माल बाद में भेजते हैं।
अप्रत्यक्ष कर विभाग इस मामले में कारोबारियों को स्पष्ट किया है कि अगर उन्होंने माल पहले भेज दिया है और उसका भुगतान या बिल जेनरेट 22 सितंबर के बाद हो रहा है तो नई दर से जीएसटी लागू होगा।
वर्तमान दर पर जीएसटी लागू होगा
अगर भुगतान पहले कर लिया है और माल 22 सितंबर के बाद भेजते है तो ऐसी स्थिति में वर्तमान दर पर जीएसटी लागू होगा। वहीं 22 सितंबर से पहले किसी कारोबारी ने कच्चे माल की खरीदारी की जिस पर 12 प्रतिशत का टैक्स है।
22 सितंबर से 12 प्रतिशत की जगह उस कच्चे माल पर पांच प्रतिशत जीएसटी हो जाएगा। ऐसी स्थिति में वह व्यापारी 22 सितंबर के बाद भी अपना इनपुट टैक्स क्रेडिट लेता है तो उसे 12 प्रतिशत के हिसाब से इनपुट टैक्स क्रेडिट मिलेगा।
कम दिनों में जीएसटी रिफंड मिल जाएंगे
गत बुधवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिए गए फैसले के मुताबिक अब कारोबारियों को इनकम टैक्स रिफंड की तरह काफी कम दिनों में जीएसटी रिफंड मिल जाएंगे।
अप्रत्यक्ष कर विभाग के मुताबिक जिन मामलों में कोई धोखाधड़ी की गुंजाइश नहीं है और जिनके रिफंड को लेकर कोई शक करने की गुंजाइश नहीं है, उन्हें सात दिनों के भीतर जीएसटी रिफंड दे दिया जाएगा। इससे कारोबारियों को कार्यशील पूंजी की उपलब्धता बनी रहेगी। दूसरी तरफ नए कारोबारियों को जीएसटी नंबर लेने के लिए पंजीयन कराना भी बिल्कुल आसान कर दिया गया है।
तीन दिनों में जीएसटी पोर्टल पर अपना पंजीयन करा सकेंगे कारोबारी
नए फैसले के मुताबिक कारोबारी अब तीन दिनों में जीएसटी पोर्टल पर अपना पंजीयन करा सकेंगे। विभाग का कहना है कि अगले सप्ताह जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में लिए गए फैसले की अधिसूचना जारी हो सकती है।
जीएसटी का भुगतान ग्राहक करता है
कारोबारियों के पास जीएसटी दरों में बदलाव के हिसाब से अपने बही खाता को तैयार करने के लिए 15 दिनों का समय है। जीएसटी का भुगतान ग्राहक करता है। कारोबारी सिर्फ उस जीएसटी को ग्राहक से वसूल कर सरकार को देने का काम करते हैं।
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