'नाम में तो भगवान राम, लेकिन कालनेमि जैसे काम', सीएम सिद्धारमैया पर हनुमानगढ़ी के पुजारी महंत राजू दास ने बोला हमला
हनुमानगढ़ के पुजारी महंत राजू दास ने कहा कि सिद्धारमैया बहुत अच्छा नाम है जो भगवान राम से जुड़ा है लेकिन उनकी हरकतें कालनेमि (एक असुर) की तरह हैं। वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता सीटी रवि ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस नेता और उनकी पार्टी अयोध्या में भगवान राम के अभिषेक समारोह में भाग नहीं लेंगे क्योंकि वे बाबर को नहीं छोड़ सकते।

एएनआई, नई दिल्ली। कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण भेजा गया था, जिसको उन्होंने अस्वीकार कर दिया है। इसको लेकर हनुमानगढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने सीएम सिद्धारमैया पर हमला बोला है।
'बाबर को लेकर परेशान सीएम'
महंत राजू दास ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए रविवार को कहा, "सिद्धारमैया बहुत अच्छा नाम है, जो भगवान राम से जुड़ा है, लेकिन उनकी हरकतें कालनेमि (एक असुर) की तरह हैं। उनकी चिंता बाबर के बारे में, हमलावरों के बारे में और जिस तरह से वे बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। सीटी रवि ने जो कहा वह गलत नहीं है।"
'बाबर को नहीं छोड़ सकते सिद्धारमैया'
भाजपा नेता सीटी रवि ने शनिवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस नेता और उनकी पार्टी अयोध्या में भगवान राम के अभिषेक समारोह में भाग नहीं लेंगे, क्योंकि वे बाबर को नहीं छोड़ सकते।
उन्होंने कहा, "उनकी पार्टी ने कहा है कि वे प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाएंगे। उन्होंने बहिष्कार किया है, वे बाबर को छोड़कर राम को नहीं पकड़ सकते। अगर वे बाबर को छोड़ देंगे, तो राम को पकड़ना आसान होगा। अगर वो बाबर को छोड़कर राम को पकड़ लेंगे, तो भारी वोट नहीं मिलेंगे, राम सबके हैं। सीटी रवि ने कहा, "प्राणप्रतिष्ठा को एक उत्सव की तरह मनाया जाना चाहिए।"
चुनावी अभियान के लिए राम मंदिर इस्तेमाल करने का आरोप
इस महीने की शुरुआत में, खरगे, सोनिया और अधीर रंजन चौधरी ने 22 जनवरी को भव्य राम मंदिर के उद्घाटन के निमंत्रण को यह कहते हुए ठुकरा दिया था कि यह 'भाजपा-आरएसएस' का कार्यक्रम है। INDI गठबंधन के विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर आगामी लोकसभा चुनावों में चुनावी लाभ के लिए राम मंदिर का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
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16 जनवरी को शुरू होगा कार्यक्रम
राम मंदिर का 'प्राण प्रतिष्ठा' समारोह 22 जनवरी को होगा। अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के लिए वैदिक अनुष्ठान मुख्य समारोह से एक सप्ताह पहले 16 जनवरी को शुरू होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जनवरी को भव्य मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान करेंगे।
लक्ष्मीकांत दीक्षित के नेतृत्व में पुजारियों की एक टीम 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का मुख्य अनुष्ठान करेगी। 14 जनवरी से 22 जनवरी तक अयोध्या में अमृत महोत्सव होगा।
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