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    आंध्र प्रदेश के एक गांव में 'रहस्यमय बीमारी', अब तक 20 लोगों की मौत; सरकार ने लागू किया स्वास्थ्य आपातकाल

    Updated: Sat, 06 Sep 2025 07:23 AM (IST)

    आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को गुंटूर जिले के एक गांव में स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की और यां दो महीनों में कम से कम 20 लोगों की रहस्यमय बीमारी से मौत हो गई। सरकार ने यहां जाँच के लिए उच्च-स्तरीय चिकित्सा दल भेजे हैं।जाच ​​जारी रहने के दौरान अधिकारियों को मेलियोइडोसिस नामक एक जीवाणु संक्रमण का संदेह है

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    आंध्र प्रदेश के एक गांव में 'रहस्यमय बीमारी', अब तक 20 लोगों की मौत (सांकेतिक तस्वीर)

     एएनआई, हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने शुक्रवार को गुंटूर जिले के एक गांव में स्वास्थ्य आपातकाल की घोषणा की और यां दो महीनों में कम से कम 20 लोगों की 'रहस्यमय बीमारी' से मौत हो गई। सरकार ने यहां जाँच के लिए उच्च-स्तरीय चिकित्सा दल भेजे हैं।

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    स्वास्थ्य अधिकारियों ने किया गांव का दौरा

    स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ. रघुनंदन के नेतृत्व में एक टीम ने गहन जांच के लिए तुराकापालेम गांव का दौरा किया है।

    जाच ​​जारी रहने के दौरान, अधिकारियों को मेलियोइडोसिस नामक एक जीवाणु संक्रमण का संदेह है। यह संदेह प्रारंभिक प्रयोगशाला रिपोर्टों पर आधारित है, जिनमें ग्रामीणों में इस संक्रमण के दो मामलों की पुष्टि हुई है।

    मेलियोइडोसिस एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है

    मेलियोइडोसिस एक गंभीर जीवाणु संक्रमण है जो बर्कहोल्डेरिया स्यूडोमैली नामक जीवाणु के कारण होता है, जो आमतौर पर मिट्टी और रुके हुए पानी में पाया जाता है, खासकर मानसून और बाढ़ के मौसम में। हालांकि इसका इलाज एंटीबायोटिक दवाओं के लंबे कोर्स से संभव है, लेकिन समय पर निदान बेहद जरूरी है।

    2,500 निवासियों की व्यापक स्वास्थ्य जांच का आदेश

    सभी 2,500 निवासियों की व्यापक स्वास्थ्य जांच का आदेश दिया गया है, जिसमें गुर्दे की कार्यप्रणाली, रक्तचाप और रक्त शर्करा के स्तर की जांच शामिल है, क्योंकि मेलियोइडोसिस मधुमेह जैसी पहले से मौजूद बीमारियों वाले व्यक्तियों को प्रभावित करता है।

    फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा

    अधिकारियों ने मौतों में एक पैटर्न देखा है, जिसमें ज़्यादातर पीड़ित लगभग 55 वर्ष की आयु के पुरुष थे, जिन्हें अन्य स्वास्थ्य समस्याएं भी थीं। लक्षण अक्सर बुखार और खांसी से शुरू होते हैं और फेफड़ों को गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं।