इस साल मार्च-जून में लू लगने से सिर्फ 14 लोगों की मौत, RTI से सच्चाई आई सामने; वर्ष 1901 के बाद सबसे गर्म साल रहा 2024
आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस साल 1 मार्च से 24 जून के बीच भारत में गर्मी से केवल 14 लोगों की मौत हुई है जबकि 7192 हीटस्ट्रोक के मामले सामने आए। पिछले साल हीटस्ट्रोक के लगभग 48000 मामले सामने आए थे और गर्मी के कारण 159 मौतें हुईं थीं। एनसीडीसी के अनुसार हीटस्ट्रोक के ज्यादातर मामले मई में दर्ज किए गए।

पीटीआई, नई दिल्ली। आपको भले ही इस बात का कोई अंदाजा न हो कि मार्च-जून के दौरान तपती दुपहरी में लू लगने से कितने लोगों की इहलीला समाप्त हो गई।
मगर सूचना के अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष एक मार्च से 24 जून के बीच भारत में अत्यधिक गर्मी के कारण केवल 14 लोगों के मरने की पुष्टि हुई, जबकि हीटस्ट्रोक के 7,192 मामले सामने आए।
पिछले वर्ष हीटस्ट्रोक के लगभग 48,000 मामले सामने आए थे और अत्यधिक गर्मी के कारण 159 मौतें हुईं थीं। 1901 के बाद से वर्ष 2024 देश में दर्ज किया गया सबसे गर्म साल था।
NCDC का आंकड़ा
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा साझा किए गए आंकड़ों से पता चलता है कि हीटस्ट्रोक के ज्यादातर मामले मई में दर्ज किए गए जब गर्मी चरम पर होती है। इस दौरान हीटस्ट्रोक के 2,962 मामले सामने आए और तीन मौतें दर्ज की गईं।
अप्रैल में 2,140 मामले सामने आए और छह मौतें दर्ज की गईं, जबकि मार्च में 705 मामले और दो मौतें दर्ज की गईं। 24 जून तक 1,385 संदिग्ध मामले सामने आए और तीन मौतें दर्ज की गईं।
इस अवधि के दौरान आंध्र प्रदेश में दो हजार से ज्यादा, राजस्थान में 373 मामले, उसके बाद ओडिशा (350), तेलंगाना (348) और मध्य प्रदेश (297) का स्थान रहा। इन आंकड़ों के बावजूद कई राज्यों ने किसी भी पुष्ट मृत्यु की सूचना नहीं दी।
कहां कितनी मौतें हुई
आंकड़े दर्शाते हैं कि महाराष्ट्र और उत्तराखंड में हीटस्ट्रोक से सबसे ज्यादा तीन-तीन मौतें हुईं। तेलंगाना, ओडिशा, झारखंड, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एक-एक मौत हुई।
एनसीडीसी के आंकड़े एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आइडीएसपी) के तहत एकत्र किए जाते हैं और मामलों की रिपोर्ट करने के लिए अस्पतालों पर निर्भर करते हैं। जून में एक जांच से पता चला कि भारत में गर्मी से संबंधित बीमारियों और मौतों की रिपोर्टिंग विरोधाभासी है, और विभिन्न एजेंसियां व्यापक रूप से भिन्न आंकड़े प्रस्तुत करती हैं।
कितनी मौतें हुई दर्ज
वर्ष 2015-2022 के लिए एनसीडीसी ने गर्मी से संबंधित 3,812 मौतें दर्ज कीं, राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 8,171 और भारत मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) ने 3,436 मौतें दर्ज कीं।
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