डॉक्टर की लापरवाही से नवजात की पांचों उंगलियां कटीं , 33 लाख मुआवजा देने का आदेश
चेन्नई के एक उपभोक्ता आयोग ने एक अस्पताल और डॉक्टर को लापरवाही के कारण नवजात शिशु की उंगलियां काटने के मामले में दोषी पाया है। आयोग ने अस्पताल को 10 ल ...और पढ़ें

पीटीआई, चेन्नई। चेन्नई उत्तर जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक अस्पताल और डॉक्टर को गैंग्रीन के कारण नवजात शिशु की पांचों उंगलियां काटे जाने के मामले में 10 लाख रुपये का मुआवजा देने के अलावा इलाज पर खर्च हुए 23.65 लाख रुपये की भरपाई करने का आदेश दिया है।
आयोग ने हाल में अपने फैसले में अस्पताल और स्त्री रोग विशेषज्ञ को लापरवाही का दोषी माना और उन्हें कुल मुआवजा राशि के साथ ही मुकदमे की लागत के रूप में 10 हजार रुपये देने का भी निर्देश दिया है।
सर्वाइकल पेसेरी प्रक्रिया की वजह से हुआ बच्चे का पूर्व जन्म
आयोग ने कहा कि अस्पताल और डॉक्टर यह समझाने में विफल रहे कि इस प्रक्रिया के लिए आवश्यक सहमति को नजरअंदाज क्यों किया गया। ऐसी जानकारी है कि सर्वाइकल पेसेरी प्रक्रिया के कारण बच्चे का समय पूर्व जन्म हुआ। इस प्रक्रिया के कारण बच्चे को गैंग्रीन हो गया और आयोग ने कहा कि यह प्रक्रिया बिना किसी परीक्षण या आपातकालीन आवश्यकता के की गई। इसके कारण 24 सप्ताह की गर्भवती महिला का समय पूर्व प्रसव कराना पड़ा।
इलाज के दौरान 22 सप्ताह की गर्भवती थी मां
बच्चे की मां का इसी अस्पताल में उपचार चल रहा था और जब यह प्रक्रिया की गयी तो वह 22 सप्ताह की गर्भवती थी। आयोग ने कहा कि प्रसव के बाद नवजात को गहन चिकित्सा इकाई में ले जाया गया, जहां उसमें गैंग्रीन के शुरुआती लक्षण दिखायी दिए। इसके कारण उसके दाहिने हाथ की सभी पांचों उंगलियां काटनी पड़ीं।

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