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    IIT खड़गपुर में शाकाहारी व मांसाहारी छात्रों के अलग बैठकर खाने की व्यवस्था पर विवाद, कुछ स्टूडेंट ने की थी शिकायत

    Updated: Sun, 07 Sep 2025 08:43 PM (IST)

    आईआईटी खड़गपुर के छात्रावास में शाकाहारी और मांसाहारी छात्रों के लिए अलग बैठने की व्यवस्था को लेकर विवाद है। संस्थान के पूर्व शिक्षकों और छात्रों का एक समूह इसे भेदभावपूर्ण बता रहा है जबकि दूसरा समूह खानपान संबंधी आदतों का सम्मान करने की बात कह रहा है। प्रबंधन के अनुसार कुछ छात्रों की शिकायतों के बाद यह फैसला लिया गया।

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    शाकाहारी व मांसाहारी छात्रों के अलग बैठकर खाने की व्यवस्था पर विवाद (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। इंडियन इंस्टीच्यूट आफ टेक्नोलाजी (आइआइटी) खडग़पुर के छात्रावास में शाकाहारी व मांसाहारी छात्रों के अलग बैठकर खाने की व्यवस्था किए जाने को लेकर विवाद पैदा हो गया है।

    संस्थान के पूर्व फैकल्टी व छात्रों के एक वर्ग का मानना है कि ऐसा करने से भेदभाव पैदा होगा और छात्रों में मेलजोल नहीं बढ़ेगा। दूसरे वर्ग ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि सबकी खानपान संबंधी आदतों का सम्मान करना जरूरी है।

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    मालूम हो कि आइआइटी खडग़पुर के बीआर अंबेडकर हाल आफ रेसिडेंस को प्रबंधन की ओर से ईमेल भेजकर यह निर्देश दिया गया है। कहा गया है कि कुछ छात्रों की शिकायतों पर गौर करते हुए यह कदम उठाया गया है। शिकायत थी कि मांसाहार करने वाले छात्र भोजन कक्ष की मेजों पर कब्जा जमा लेते थे। बीआर अंबेडकर हाल आफ रेसिडेंस में करीब 1,300 छात्र रहते हैं। आइआइटी खडग़पुर में इस तरह की व्यवस्था अभूतपूर्व है।

    क्यों लिया गया यह फैसला?

    मालूम हो कि पिछले साल आईआईटी बॉम्बे की अमूल कैंटीन में मांसाहारी भोजन लाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई थी। इसे लेकर भी काफी विवाद हुआ था।

    आईआईटी खडग़पुर के पूर्व प्रोफेसर अनुपम बसु ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण व विभाजनकारी कदम है। वहीं आइआइटी खडग़पुर के निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने कहा कि छात्रों के कहने पर ही ऐसा किया गया है। संस्थान के जो भी छात्रावास ऐसा करना चाहते हैं, वे इसके लिए स्वतंत्र हैं।

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