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    Gujarat: सुरेंद्रनगर जिले के अस्पताल में गोरखधंधे का पर्दाफाश, 12वीं पास डॉक्टर कर रहा था अवैध प्रेगनेंसी टेस्ट और गर्भपात

    Updated: Wed, 17 Sep 2025 03:12 AM (IST)

    सुरेंद्रनगर जिले के स्त्री रोग अस्पतालों में नियमों का उल्लंघन कर अवैध रूप से गर्भावस्था परीक्षण और गर्भपात करने और भ्रूणों को चोरी-छिपे ठिकाने लगाने की शिकायतें सामने आई हैं। सुरेंद्रनगर जिले के थान तालुका में सिर्फ़ बारहवीं पास राजेश गोजिया पिछले सात सालों से आशीर्वाद मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल चला रहा था। वह खुद को डॉक्टर बताता था। इतना ही नहीं राजेश अवैध रूप से गर्भपात और प्रसव भी करवाता था।

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    सुरेंद्रनगर जिले के अस्पताल में गोरखधंधे का पर्दाफाश (फाइल फोटो)

     जेएनएन, सुरेंद्रनगर। सुरेंद्रनगर जिले के स्त्री रोग अस्पतालों में चल रही अवैध गतिविधियों का हाल ही में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। निजी अस्पतालों में नियमों का उल्लंघन कर अवैध रूप से गर्भावस्था परीक्षण और गर्भपात करने और भ्रूणों को चोरी-छिपे ठिकाने लगाने की शिकायतें सामने आई हैं।

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    बारहवीं पास राजेश चला रहा था अस्पताल

    ऐसे में एक और ऐसी ही घटना सामने आई है। सुरेंद्रनगर जिले के थान तालुका में सिर्फ़ बारहवीं पास राजेश गोजिया पिछले सात सालों से आशीर्वाद मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल चला रहा था। वह खुद को डॉक्टर बताता था। इतना ही नहीं, राजेश अवैध रूप से गर्भपात और प्रसव भी करवाता था। राजेश प्रेगनेंसी टेस्ट भी करता था।

    दरअसल, 13 सितंबर को राजकोट की एक बलात्कार पीड़िता को गर्भपात के लिए आशीर्वाद अस्पताल लाया गया था, जहां उसने भ्रूण को छत पर छिपा दिया और चली गई।

    मामले की जाँच कर रही पुलिस को पता चला कि राजेश गोजिया गर्भपात के लिए प्रति केस एक लाख रुपये तक वसूल रहा था। इस मामले में विकास नाम के एक एजेंट का नाम भी सामने आया है।

    प्रारंभिक जांच में पता चला है कि राजेश गोजिया बोटाद जिले के रानपुर और सुरेंद्रनगर के चोटिला में भी सोनोग्राफी मशीनों से अवैध रूप से गर्भावस्था परीक्षण कर रहा था। इसके बाद सोनोग्राफी मशीनों को सील कर दिया गया है।

    थानगढ़ में 5 गर्भवती महिलाओं की मौत हुई है

    हाल ही में थानगढ़ में 5 गर्भवती महिलाओं की मौत हो गई, और आशीर्वाद अस्पताल से जुड़ी ज्यादातर मातृ मृत्युएं हुईं । पुलिस जाँच में पता चला कि प्रसव के दौरान कोई प्रशिक्षित कर्मचारी या विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद नहीं थे।

    साथ ही, अस्पताल में एक्सपायरी दवाइयां भी मिलीं। जबकि मरीज़ों का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। थानगढ़ में प्रसव के दौरान मरने वाली ज़्यादातर गर्भवती महिलाएँ आशीर्वाद अस्पताल से जुड़ी थीं।