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    इंडोनेशिया और वियतनाम के साथ फोन पर ट्रंप ने कर दिया व्यापार समझौता, भारत पर क्या होगा इसका असर?

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 11:00 PM (IST)

    अमेरिका ने इंडोनेशिया और वियतनाम के साथ फोन पर व्यापार समझौता किया है जिससे भारत को सतर्क रहने की आवश्यकता है। विदेश व्यापार विशेषज्ञों का सुझाव है कि भारत को ऐसे समझौतों से बचना चाहिए। ट्रंप ने वियतनाम पर 20% और इंडोनेशिया पर 19% शुल्क लगाने की घोषणा की है हालांकि इन देशों के बयानों में भिन्नता है।

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    टैरिफ को लेकर अमेरिका और भारत के बीच जल्द बनेगी बात। (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अमेरिका ने इंडोनेशिया और वियतनाम के साथ फोन पर व्यापार समझौता किया है जो भारत को रास नहीं आएगा। विदेश व्यापार के जानकारों का कहना है कि इस प्रकार के समझौते से भारत को बचना चाहिए और कोई भी समझौता दोनों पक्षों की मौजूदगी में दस्तावेज के माध्यम से होना चाहिए।

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    ऐसा नहीं होने पर उस समझौते का कोई मतलब नहीं रह जाता है। ट्रंप ने वियतनाम और इंडोनेशिया के साथ फोन पर समझौते का ऐलान किया है। दोनों पक्षों की तरफ से एक साथ न तो समझौते का ऐलान किया गया है और न ही किसी दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

    ट्रंप का टैरिफ वाला फैसला एकतरफा

    इंडोनेशिया और वियतनाम दोनों ही ट्रंप की तरफ से घोषित शुल्क को एकतरफा बता रहे हैं। ट्रंप ने वियतनाम पर 20 प्रतिशत के शुल्क लगाने की घोषणा की है और यह भी कहा कि वियतनाम के बाजार में अमेरिकी वस्तुओं पर अब कोई शुल्क नहीं लगेगा।

    कहा 11 प्रतिशत और टैरिफ लगाया 20 फीसदी

    दूसरी तरफ वियतनाम कह रहा है कि अमेरिका के साथ बातचीत में उन पर 20 प्रतिशत नहीं बल्कि 11 प्रतिशत शुल्क लगाने की बात हुई थी। इंडोनेशिया पर ट्रंप ने 19 प्रतिशत का शुल्क लगाने का ऐलान किया है और इंडोनेशिया के बाजार को भी अमेरिका के लिए पूरी तरह से शुल्क मुक्त घोषित कर दिया है।

    टैरिफ को लेकर अमेरिका और भारत के बीच जल्द बनेगी बात

    इंडोनेशिया भी इस घोषणा को सही नहीं बता रहा है। गत 15 जुलाई को इंडोनेशिया से व्यापार समझौते की घोषणा के बाद ट्रंप ने जल्द ही भारत से समझौता होने की बात सार्वजनिक रूप से कही थी।

    ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इंशिएटिव के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रंप के रवैये को देखते हुए भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के दौरान बिल्कुल सावधान रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारत को इस बात पर जोर देना चाहिए कि किसी भी समझौते की घोषणा संयुक्त रूप से की जाएगी और दस्तावेज के रूप में जारी घोषणा को ही मान्यता देनी चाहिए।

    10 दिनों में 20 से अधिक देशों पर शुल्क लगाने की घोषणा

    भारत और अमेरिका के बीच गत सोमवार से व्यापार समझौते को लेकर अमेरिका में बातचीत चल रही थी। सूत्रों का कहना है कि शुक्रवार को वार्ता खत्म हो गई है और भारतीय टीम भारत वापस आ रही है। भारत अमेरिका के साथ मुख्य रूप से द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को लेकर बातचीत कर रहा है और इस बीच में दोनों देश सहमति बनने पर अंतरिम व्यापार समझौता कर सकते हैं।

    पिछले 10 दिनों में 20 से अधिक देशों पर शुल्क लगाने या फिर समझौते की घोषणा ट्रंप कर चुके हैं, लेकिन भारत के लिए हमेशा उनका यही बयान आ रहा है कि जल्द ही भारत के साथ समझौता हो सकता है। अमेरिका के नए शुल्क आगामी एक अगस्त से प्रभावी होंगे। वाणिज्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि वे भी ट्रंप के फैसला का इंतजार कर रहे हैं। भारत ने अपना रुख अमेरिका के समक्ष रख दिया है।

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