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    इन तीन मुद्दों पर टीके हैं भारत-चीन के संबंध, जयशंकर ने वांग के सामने रख दी ये मांग; कल डोभाल करेंगे मुलाकात

    Updated: Mon, 18 Aug 2025 11:17 PM (IST)

    India China relations सोमवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी (Wang Yi) ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ बैठक की। यह चर्चा दोनों पक्षों द्वारा द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखने के साथ-साथ सांस्कृतिक और आर्थिक जुड़ाव को बढ़ावा देने पर केंद्रित रही। जयशंकर ने कहा कि दोनों देशों ने संबंधों में एक कठिन दौर देखा है और अब आगे बढ़ना चाहते हैं।

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    जयशंकर ने वांग के सामने रख दी ये मांग; कल डोभाल करेंगे मुलाकात

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चीन के साथ द्विपक्षीय रिश्तों में सुधार के संकेतों के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि दोनों देशों के रिश्ते आपसी आदर, आपसी संवेदनशीलता और परस्पर हितों के आधार पर तय होनी चाहिए। सोमवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ द्विपक्षीय बैठक में यह बात जयशंकर ने कही। वांग यी के नई दिल्ली पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद जयशंकर के साथ उनकी टीम की मुलाकात हुई।

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    दोनों देशों के लिए रिश्ते महत्वपूर्ण

    वांग यी मंगलवार को भारत के एनएसए अजीत डोभाल से मुलाकात करेंगे, जिसमें दोनों सीमा विवाद के स्थाई हल के लिए गठित विशेष दल की वार्ता का नेतृत्व करेंगे। वांग यी के साथ बैठक में विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने भाषण में दोनों देशों के रिश्तों से जुड़े तकरीबन हर मुद्दे का उल्लेख किया।

    सीमा विवाद सुलझाने पर बातचीत

    उन्होंने कहा कि हमारे रिश्तों में कुछ कठिन समय देखने के बाद दोनों देशों को अब आगे की तरफ देखना चाहिए। इसके लिए दोनों पक्षों को खुला और रचनात्मक रवैया अपनाना चाहिए। साथ ही जयशंकर ने दोनों देशों के बीच सीमा विवाद सुलझाने के लिए मंगलवार को होने वाली बैठक का जिक्र किया और उम्मीद जताई कि दोनों देश सीमा पर तनाव खत्म करने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।

    पीएम मोदी और शी चिनफिंग की मुलाकात

    अप्रैल-मई, 2020 में पूर्वी लद्दाख के क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद दोनों देशों के रिश्तों में काफी तनाव आ गया था जिसे अक्टूबर, 2024 में पीएम नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात के बाद ही सुलझाया जा सका है। इसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव घटाने की प्रक्रिया चल रही है।

    इनकोमी में स्थिरता को बढ़ावा देना जरूरी

    जयशंकर ने कहा कि जब दुनिया के दो सबसे बड़े देशों के बीच बैठक हो तो यह लाजिमी है कि अंतरराष्ट्रीय स्थिति पर चर्चा हो। हम एक निष्पक्ष, संतुलित और बहुधुव्रीय दुनिया के साथ ही बहु-धुव्रीय एशिया चाहते हैं। इसके साथ ही आज बहुदेशीय संगठनों में बदलाव बहुत जरूरी हो गया है। मौजूदा वैश्विक माहौल और वैश्विक इनकोमी में स्थिरता को बढ़ावा देना भी बहुत जरूरी हो गया है।

    आतंकवादी संगठनों पर अंकुश जरूरी

    जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे को भी भारत के लिए बहुत जरूरी बताया। दोनों देशों के बीच इस बारे में विस्तार से बात हुई है। खास तौर पर संयुक्त राष्ट्र के जरिए आतंकवादी संगठनों पर अंकुश लगाने की व्यवस्था में भारत ने चीन का सहयोग मांगा है।

    द्विपक्षीय रिश्तों का निर्माण

    गौरतलब है कि पहलगाम हमले के दोषी टीआरएफ को अभी तक संयुक्त राष्ट से प्रतिबंधित संगठन घोषित नहीं किया गया है। भारतीय विदेश मंत्री ने उम्मीद जताई कि इस मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच स्थिर, सहयोगात्मक और भविष्य की तरफ अग्रसर द्विपक्षीय रिश्तों का निर्माण हो जो दोनों पक्षों के हितों की रक्षा करे व चिंताओं को दूर करे।

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