Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ट्रंप प्रशासन की मनमानी पर भारत ने ईंट का जवाब पत्थर से दिया, रूस-चीन के साथ मिलकर बनाया नया 'फ्रंट'

    Updated: Thu, 17 Jul 2025 10:59 PM (IST)

    रणनीतिक साझेदार होने के बावजूद अमेरिका के भारत के प्रति रवैये पर भारत ने कूटनीतिक जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने चीन और रूस के साथ त्रिपक्षीय सहयोग वार्ता फिर शुरू करने का संकेत दिया है। विदेश मंत्री जयशंकर की चीन यात्रा के बाद यह फैसला महत्वपूर्ण है। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह व्यवस्था आपसी सामंजस्य बढ़ाने के लिए है।

    Hero Image
    संकेत है कि चीन और रूस के साथ त्रिपक्षीय सहयोग वार्ता फिर से शुरू की जा सकती है। (फाइल फोटो)

    जयप्रकाश रंजन, जागरण, नई दिल्ली। रणनीतिक साझीदार होने के बावजूद जिस तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी सरकार के कुछ सहयोगी भारत के साथ संबंधों पर टिप्पणी कर रहे हैं, उनका भारत ने बहुत ही करीने से कूटनीतिक जवाब दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत ने संकेत दिया है कि बहुत लंबे समय से स्थगित चीन और रूस के साथ त्रिपक्षीय सहयोग वार्ता फिर से शुरू की जा सकती है।

    यह संकेत गुरुवार को भारतीय विदेश मंत्रालय की तरफ दिया गया है। वह भी तब, जब दो दिन पहले विदेश मंत्री जयशंकर चीन में वहां के विदेश मंत्री, उपराष्ट्रपति, सीपीसी के वरिष्ठ अधिकारी और राष्ट्रपति से अलग-अलग मुलाकात कर चुके हैं।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने रूस, भारत और चीन (आरआइसी) के बीच त्रिपक्षीय वार्ता की संभावना के बारे में बताया कि यह व्यवस्था तीनों देशों के बीच आपसी सामंजस्य बढ़ाने, क्षेत्रीय व वैश्विक मुद्दों पर बात करने के लिए है। आगे की बैठक को लेकर तीनों देश आपस में विमर्श कर फैसला करेंगे।

    चीन, भारत और रूस आरआईसी सहयोग पर बात करने को तैयार

    जायसवाल के इस बयान के कुछ ही समय बाद चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि तीनों देशों के बीच सहयोग न सिर्फ इन तीनों देशों को मदद करेगा, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर शांति, सहयोग, स्थिरता व विकास को बढ़ावा देगा। चीन, भारत और रूस के साथ आरआइसी सहयोग पर बात करने को तैयार है।

    सनद रहे कि कुछ हफ्ते पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा था कि उनका देश चीन और भारत के साथ त्रिपक्षीय वार्ता फिर शुरू करने पर गंभीर है।

    इन तीनों देशों ने पिछली सदी के आखिरी दशक में सोवियत संघ के विघटन के बाद आपसी सहयोग बढ़ाकर दुनिया को बहुध्रुवीय बनाने के बारे में सोचा था। इस व्यवस्था के तहत तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की अंतिम बैठक वर्ष 2021 में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये हुई थी। लेकिन चीन के साथ तनावपूर्ण संबंधों की वजह से हाल के वर्षों में भारत इसको तवज्जो नहीं दे रहा था।

    नाटो चीफ ने दी थी धमकी

    आरआइसी को फिर से आगे बढ़ाने का नया संकेत भारत ने नाटो प्रमुख की तरफ से एक दिन पहले ब्रिक्स के अन्य देशों के साथ भारत को चेतावनी देने के बाद दिया है।

    नाटो प्रमुख ने कहा था कि ब्रिक्स देशों को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को शांति वार्ता के लिए तैयार करना चाहिए। ऐसा नहीं होता है तो दिल्ली, बीजिंग और ब्राजील को खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

    यह भी पढ़ें: Pakistan: पाकिस्तान में आसमान से बरस रही मौत, पंजाब में मूसलधार बारिश से 24 घंटे में 63 की मौत