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    भारत और अरब लीग: सहयोग बढ़ाने पर महत्वपूर्ण वार्ता

    Updated: Tue, 04 Nov 2025 04:33 AM (IST)

    विदेश मंत्रालय की सचिव नीना मल्होत्रा ने अरब राजदूतों के साथ बैठक में भारत-अरब लीग के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। दोनों पक्षों ने विभिन्न क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। भारत और अरब देशों के बीच ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ संबंध रहे हैं, जो व्यापार, संस्कृति और साझा विरासत पर आधारित हैं। भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार इसी क्षेत्र से होकर गुजरता है।

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    रणधीर जायसवाल। (फाइल)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। विदेश मंत्रालय की सचिव (दक्षिण) नीना मल्होत्रा ने सोमवार को नई दिल्ली में अरब राजदूतों के साथ बैठक की अध्यक्षता की। इसमें भारत और अरब लीग के बीच सहयोग को और मजबूत करने के प्रयासों पर चर्चा की गई।

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    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक्स पर यह जानकारी दी है। अरब लीग में 22 देश शामिल हैं। इससे पहले, काहिरा स्थित भारतीय दूतावास ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत के पारंपरिक रूप से अरब लीग के देशों के साथ घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं।

    ये संबंध प्राचीन काल से चले आ रहे हैं जब व्यापारी, विद्वान और राजनयिक अक्सर अरब सागर और भारत को पश्चिम एशिया और अरब प्रायद्वीप से जोड़ने वाले स्थलीय मार्गों से ज्ञान और व्यापार का आदान-प्रदान करते थे। भाषा और धर्म के संबंधों के माध्यम से साझा सांस्कृतिक विरासत इन ऐतिहासिक संबंधों को ऊर्जा प्रदान करती रही है।

    आज अरब लीग के देश भारत के विस्तारित पड़ोस का हिस्सा हैं। इस क्षेत्र के साथ जुड़ाव को गहरा करने की भारत की ²ढ़ प्रतिबद्धता, प्रमुख अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों पर साझा विचार और मजबूत आर्थिक एवं वाणिज्यिक संबंध भारत-अरब संबंधों की आधारशिला हैं। भारत का अधिकांश विदेशी व्यापार स्वेज नहर, लाल सागर और अदन की खाड़ी से होकर गुजरता है।


    (समाचार एजेंसी एएनआइ के इनपुट के साथ)