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    2025-26 वित्त वर्ष में भी अधिक रहेगा भारत का विकास दर, एक्सपर्ट ने बताया कैसे कायम रहेगी मजबूती

    By RAJEEV KUMAREdited By: Prince Gourh
    Updated: Fri, 28 Nov 2025 09:35 PM (IST)

    मुख्य आर्थिक सलाहकार ने वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की विकास दर सात प्रतिशत से अधिक रहने का अनुमान जताया है। उन्होंने कहा कि बेहतर जीडीपी प्रदर्शन, मज ...और पढ़ें

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    चालू वित्त वर्ष में भी अधिक रहेगा भारत का विकास दर (फाइल फोटो)

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2025-26 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में उम्मीद से अधिक जीडीपी के प्रदर्शन और गत अक्टूबर में आर्थिक सूचकांक को देखते हुए मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर सात प्रतिशत से अधिक रहने का दावा किया है।

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    उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति और अमेरिका का 50 प्रतिशत का शुल्क अब भी जोखिम भरा है। उनका मानना है कि पिछले कुछ सालों से सड़क, एयरपोर्ट व अन्य लाजिस्टिक साधन के बढ़ने से सप्लाई पक्ष मजबूत हुआ है और डिजिटल इंफ्रा के प्रसार के साथ कुल निजी खपत में हो रही बढ़ोतरी से भारतीय विकास दर की मजबूती कायम रहेगी।

    कैसे कायम रहेगी मजबूती?

    उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक भू-राजनीतिक स्थिति और अमेरिका का 50 प्रतिशत का शुल्क अब भी जोखिम भरा है। उनका मानना है कि पिछले कुछ सालों से सड़क, एयरपोर्ट व अन्य लॉजिस्टिक साधन के बढ़ने से सप्लाई पक्ष मजबूत हुआ है और डिजिटल इंफ्रा के प्रसार के साथ कुल निजी खपत में हो रही बढ़ोतरी से भारतीय विकास दर की मजबूती कायम रहेगी।

    इससे पहले एचडीएफसी ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। जानकारों का कहना है कि गत 22 सितंबर से जीएसटी में कटौती वाली दर लागू की गई और त्योहारी सीजन में वस्तुओं की बंपर बिक्री हुई है। इसका असर तीसरी तिमाही में दिखेगा। आनंद राठी समूह के मुख्य अर्थशास्त्री सुजान हज्र ने बताया कि मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में काफी विस्तार देखा जा रहा है।

    निजी खपत और निवेश में भी मजबूती दिख रही है।मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कृषि की जो तस्वीर दिखाई उसके हिसाब से आने वाली तिमाही में या चौथी तिमाही में कृषि का प्रदर्शन और बेहतर हो सकता है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में वर्ष 2024 की तुलना में गेहूं, दाल, अन्य अनाज, चना, तिलहन जैसी फसल की बुवाई 7 से 14 प्रतिशत तक अधिक रही है।

    किन-किन चीजों में हुई बढ़ोतरी?

    चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कृषि की विकास दर पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 3.5 प्रतिशत रही। उन्होंने बताया कि मशीनरी के आयात में पिछले साल की तुलना में दहाई अंक में बढ़ोतरी दर्ज की गई है जो आने वाले समय में मैन्यूफैक्चरिंग के विस्तार को जाहिर करता है। इससे रोजगार को भी समर्थन मिलेगा। स्टील व सीमेंट जैसे आइटम के उत्पादन में भी दहाई अंक में बढ़ोतरी है। ग्रामीण मांग भी मजबूत दिख रही है।

    चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में किन सेक्टर की कितनी रही विकास दर (प्रतिशत में)

    • कृषि - 3.5
    • खनन - (-0.4 प्रतिशत)
    • मैन्यूफैक्चरिंग - 9.1
    • इलेक्टि्रसिटी, गैस, वाटर सप्लाई - 4.4
    • कंस्ट्रक्शन - 7.2
    • व्यापार, होटल, ट्रांसपोर्ट, संचार - 7.4
    • वित्तीय, रियल एस्टेट व प्रोफेशनल सेवा - 10.2
    • लोक प्रशासन व अन्य सेवा - 9.7

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