अत्याचार की पराकाष्ठा ने भड़काई थी आजादी की चिंगारी, 1947 से काफी पहले पड़ गई थी विभाजन की नींव
India Independence Day भारत इस वर्ष अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है लेकिन हम यहां तक ऐसे ही नहीं पहुंच गए हैं। इसके पीछे हमारे पूर्वजों का खून-पसीना लगा है। उन्होंने विदेशी आक्रांताओं से लोहा लिया आंदोलन किए और लोगों को जागरूक किया तब आजादी मिली। पढ़ें बंटवारे की पूरी कहानी
अनिल पांडेय, नई दिल्ली। इस शुक्रवार यानी 15 अगस्त 2025 को हमारा देश 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। देखते ही देखते आजादी मिले आठ दशक होने जा रहे हैं। इन बीते दशकों के साथ भारत का रुतबा और कद दोनों ही लगातार बढ़े हैं। पूरी दुनिया भारत की आवाज को सुनती है। दुनिया की अर्थव्यवस्था में हमारा देश प्रमुख भूमिका में है। हम दुनिया के सबसे युवा देश हैं।
...लेकिन हम यहां तक ऐसे ही नहीं पहुंच गए हैं। इसके पीछे हमारे पूर्वजों का खून-पसीना लगा है। उन्होंने विदेशी आक्रांताओं से लोहा लिया, आंदोलन किए और लोगों को जागरूक किया, तब जाकर 15 अगस्त की वह सुबह आई थी, जहां स्वतंत्र भारत जगमगाया था।
आजादी की लड़ाई और उससे जुड़ी कहानियां आपने अनेकों बार पढ़ी, देखी और सुनी होंगी। हम उससे कुछ अलग जानकारियां आपके लिए लेकर आए हैं। इसमें हमने आपको सरल और संक्षिप्त शब्दों में बंटवारे की कहानी को बताने की कोशिश की है। छोटे-छोटे पॉइंटर्स में यह बताया गया है कि आखिर वो कौन सी घटनाएं रहीं, जिनकी वजह से अखंड भारत, दो हिस्सों में बंटकर, भारत और पाकिस्तान बन गया।
तो आइए जानते हैं, किस तरह इतिहास ने करवट बदली
- 1885 - राजनीतिक जागरूकता की शुरुआत।
- दिसंबर 1885: मुंबई में इंडियन नेशनल कांग्रेस की पहली बैठक।
शुरुआती 20 साल तक कांग्रेस का फोकस स्वतंत्रता पर नहीं बल्कि इस बात पर था कि ब्रिटिश राज में भारतीयों की हालत को कैसे सुधारा जाए। आजादी की मांग तो काफी बाद में उठी।
1905-1906: नई मांगें, नई पार्टियां
- 1905: बंगाल विभाजन के बाद कांग्रेस ने राजनीतिक सुधार की मांग तेज कर दी, बाद में पूर्ण स्वराज का नारा।
- 1906: मुस्लिम अधिकारों की रक्षा के लिए ऑल इंडिया मुस्लिम लीग की स्थापना।
1938-1940: गांधी-जिन्ना वार्ता और पाकिस्तान प्रस्ताव
- फरवरी 1938: गांधी और जिन्ना के बीच हिंदू-मुस्लिम तनाव पर वार्ता शुरू।
- जुलाई 1938: बातचीत विफल, दिसंबर में मुस्लिम लीग ने “मुसलमानों के उत्पीड़न” पर जांच समिति बनाई।
- 23 मार्च 1940: लाहौर में मुस्लिम लीग का पाकिस्तान प्रस्ताव - 'एक अलग मुस्लिम देश की मांग'।
- अगस्त 1940: वायसराय लिनलिथगो का अगस्त प्रस्ताव - 'कांग्रेस और लीग दोनों ने ठुकराया, कांग्रेस ने असहयोग आंदोलन छेड़ा'।
1942 - क्रिप्स मिशन और भारत छोड़ो आंदोलन
- 11 मार्च 1942: ब्रिटेन ने सर स्टिफर्ड क्रिप्स को भारत भेजने की घोषणा की।
- 22–30 मार्च 1942: क्रिप्स मिशन की वार्ता - भारतीय नेताओं ने प्रस्ताव ठुकराया।
- 1942: गांधी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आंदोलन।
1944 - गांधी-जिन्ना वार्ता (फिर विफल)
- सितंबर 1944: पाकिस्तान की मांग पर बातचीत, लेकिन मतभेद गहरे होते चले गए।
- जिन्ना ने कहा: पहले पाकिस्तान, बाद में आज़ादी।
- गांधीजी ने कहा: पहले आजादी, फिर मुसलमानों की पहचान की गारंटी।
1946 - हिंसा की लपटें
- मुस्लिम लीग ने कैबिनेट मिशन योजना से अलग होकर आंदोलन शुरू किया।
- 16–18 अगस्त 1946: ग्रेट कैलकटा किलिंग्स - 4000 मारे गए, एक लाख लोग बेघर।
- हिंसा नोआखाली (बंगाल) और बिहार तक फैल गई।
1947 - बंटवारे का साल
- 29 जनवरी: मुस्लिम लीग ने संविधान सभा भंग करने की मांग की।
- फरवरी: पंजाब में सांप्रदायिक हिंसा शुरू।
- 24 मार्च: लॉर्ड माउंटबेटन वायसराय और गवर्नर जनरल बने।
- 15 अप्रैल: गांधी-जिन्ना ने लोगों से हिंसा से दूर रहने की संयुक्त अपील की।
- 2-3 जून: विभाजन योजना की घोषणा, ऑल इंडिया रेडियो पर नेहरू, जिन्ना और बलदेव सिंह का संबोधन।
- 14 अगस्त: पाकिस्तान का जन्म, पहला स्वतंत्रता दिवस।
- 15 अगस्त: भारत का पहला स्वतंत्रता दिवस - मध्यरात्रि सत्ता हस्तांतरण के बाद।
बंटवारे का खून-खराबा
- 1.25 करोड़ लोग पलायन को मजबूर।
- 5-10 लाख मौतें, हजारों महिलाएं अगवा।
इतिहास की सबसे बड़ी मानवीय त्रासदियों में से एक इस घटना के घाव आज भी भरे नहीं हैं।
Source:
- National Army Museum Partition Report
- university.open.ac.uk report
- Midnight's Furies: The Deadly Legacy of India's Partition
- Partition Museum: Amritsar & Delhi
- newyorker.com/magazine/2015/06/29/the-great-divide-books-dalrymple
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