न चाय, न मसाले... इन भारतीय सामानों को तरस रहे अमेरिकी; क्या है वजह?
अक्टूबर में अमेरिका को निर्यात में गिरावट आई, जिससे कुल वस्तु निर्यात 11.8% कम हुआ। शुल्क लगने के बाद अमेरिका को निर्यात में 8.58% की कमी आई। सोने और चांदी के आयात में भारी वृद्धि हुई। वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, वस्तु निर्यात 34.37 अरब डॉलर और आयात 76 अरब डॉलर रहा, जिससे व्यापार घाटा 41 अरब डॉलर हो गया। सेवा निर्यात में 10% से अधिक की वृद्धि हुई। वाणिज्य सचिव ने अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की उम्मीद जताई है।

अमेरिका होने वाले निर्यात में कमी आने लगी है (फोटो: रॉयटर्स)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारी शुल्क की वजह से अमेरिका होने वाले निर्यात के प्रभावित होने से अक्टूबर में कुल वस्तु निर्यात में पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 11.8 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। भारत सबसे अधिक वस्तु निर्यात अमेरिका में करता है और अगस्त आखिर में भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगने के बाद अमेरिका होने वाले निर्यात में कमी आने लगी है।
गत अक्टूबर में अमेरिका होने वाले वस्तु निर्यात में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 8.58 प्रतिशत की गिरावट रही। भारत के दूसरे सबसे बड़े निर्यात बाजार यूएई में भी अक्टूबर के निर्यात में 10 प्रतिशत की गिरावट रही। दूसरी तरफ, अक्टूबर में सोने और चांदी के आयात में पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले क्रमश: 199 प्रतिशत व 528 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने से वस्तु के कुल आयात में 16.64 प्रतिशत का इजाफा देखा गया।
अक्टूबर में 34.37 अरब डॉलर का वस्तु निर्यात
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक अक्टूबर में 34.37 अरब डालर का वस्तु निर्यात तो 76 अरब डालर का आयात किया गया। यानी की इस अवधि में व्यापार घाटा 41 अरब डालर का रहा जिसे पिछले 13 महीनों में सर्वाधिक बताया जा रहा है। दूसरी तरफ अक्टूबर में सेवा निर्यात में पिछले साल अक्टूबर के मुकाबले 10 प्रतिशत से अधिक का इजाफा रहा। अक्टूबर में 38.52 अरब डालर का सर्विस निर्यात रहा और इस प्रकार सेवा निर्यात ने वस्तु निर्यात को पीछे छोड़ दिया।
पिछले साल अक्टूबर में सेवा निर्यात 34.41 अरब डालर का था। अमेरिका व यूएई में वस्तु निर्यात में गिरावट के कारण अक्टूबर में सभी रोजगारपरक सेक्टर के कुल निर्यात में गिरावट दर्ज की गई। लेदर, जेम्स व ज्वैलरी, इंजीनियरिंग गुड्स, काटन यार्न, मेडअप्स के निर्यात में दहाई अंक में गिरावट रही। अमेरिकी शुल्क से छूट की वजह से इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम के निर्यात में अक्टूबर में भी 19 प्रतिशत का इजाफा रहा। अक्टूबर मे चाय, चावल व मसाले के निर्यात में गिरावट देखी गई।
वहीं अक्टूबर में सोने का आयात 14.7 अरब डालर का रहा जबकि पिछले साल अक्टूबर में यह आयात 4.9 अरब डालर का था। कच्चे कपास के आयात में भी पिछले साल की तुलना में 83 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही।
अमेरिका से डील जल्द हो जाना चाहिए: वाणिज्य सचिव
अमेरिका में गिरते निर्यात के बीच वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि अमेरिका के साथ जल्द ही पहले चरण का व्यापार समझौता हो जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि पहले चरण में 25 प्रतिशत के पारस्परिक शुल्क और 25 प्रतिशत के अतिरिक्त शुल्क के अलावा दोनों देशों के बाजार में एक-दूसरे की पहुंच को लेकर पैकेज पर बातचीत चल रही है। भारत ने अपना अंतिम प्रस्ताव अमेरिका भेज दिया है जिस पर अमेरिका जल्द ही फैसला ले सकता है। वैसे भी दोनों देशों ने इस साल नवंबर में पहले चरण की वार्ता पूरी होने का अनुमान लगाया था।
इस साल फरवरी से दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते को लेकर वार्ता चल रही है। दोनों देशों ने व्यापार समझौते के माध्यम से आपसी कारोबार को 2030 तक 500 अरब डालर तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।
अक्टूबर में विभिन्न वस्तुओं का निर्यात प्रदर्शन
आइटम --------- निर्यात (प्रतिशत में)
चाय ------ (-5.17) प्रतिशत
कॉफी ------ 11 प्रतिशत
काजू ------- 126 प्रतिशत
इलेक्ट्रॉनिक्स----- 19.05
इंजीनियरिंग गुड्स ---- (-16.71)
रेडीमेड गारमेंट्स ---- (-13)
लेदर व लेदर आइटम ---- (-15.66)
जेम्स व ज्वैलरी ----- (-29.50)
ड्रग्स व फार्मा ------- (-5.15)
हैंडीक्राफ्ट्स (-8.29)
स्त्रोत: वाणिज्य मंत्रालय

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