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    India Pakistan Row: इन एयर डिफेंस सिस्टम ने भारत को बनाया अभेद्य, पाकिस्तान के दांत कर दिए खट्टे

    Updated: Fri, 09 May 2025 07:04 AM (IST)

    आपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर हमला करने की कोशिश की जिसे भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने नाकाम कर दिया। भारत ने एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करके यह सफलता हासिल की। भारत के पास कई और एयर डिफेंस सिस्टम भी हैं जो दुश्मन के विमानों मिसाइलों और ड्रोन हमलों से निपटने में सक्षम हैं।

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    भारत का डिफेंस सिस्टम (फोटो क्रेडिट- एक्स)

    जागरण डेस्क, नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के खिलाफ भारत की जवाबी कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर से बौखलाए पाकिस्तान ने बुधवार की रात को भारत के 15 शहरों पर हमला किया, लेकिन भारत के मजबूत एयर डिफेंस सिस्टम ने इन सभी हमलों को नाकाम कर दिया। भारत ने यह कमाल अपने एस 400 एयर डिफेंस सिस्टम से किया है। आइये जानते हैं कि भारत के पास कौन से एयर डिफेंस सिस्टम हैं और इनकी क्षमताएं क्या हैं?

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    महाबली एस-400

    हथियार नहीं महाबली है एस-400 एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम को आप इस तरह भी समझ सकते हैं कि ये हथियार नहीं महाबली है। इसके सामने किसी की भी साजिश नहीं चलती है। यह आसमान से आ रहे हमलावर विमान, मिसाइल और ड्रोन को पल भर में खाक कर देता है। भारत ने चीन और पाकिस्तान से खतरे को ध्यान में रखते हुए रूस से यह डिफेंस सिस्टम खरीदा था।

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    फोटो क्रेडिट- एक्स

    अमेरिका ने भारत को रूस से एस 400 सिस्टम खरीदने पर प्रतिबंध लगाने की धमकी भी दी थी लेकिन भारत इसकी परवाह नहीं की। 39,000 करोड़ रुपये में एस 400 की पांच यूनिट खरीदने का सौदा किया था भारत ने रूस से तीन यूनिट भारत को मिल चुकी है और बाकी दो यूनिट की आपूर्ति लंबित है।

    एस-400 की खासियत

    मिसाइल, एयरक्राफ्ट या फिर ड्रोन से हुए हवाई हमले से निपटने में सक्षम है एस 400 माइनस 50 से लेकर 70 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में काम करने में सक्षम ट्रक पर लगे होने की वजह से इसे एक जगह से दूसरी जगह जाना आसान है।

    कितना ताकतवर है एस 400

    4800 मीटर प्रति सेकेंड गति, 100  किलोमीटर की रेंज  से लेकर 40,000 फीट तक की ऊंचाई पर उड़ रहे टारगेट को कर सकता तबाह कर सकता है। 1967 में एस 200 का निर्माण हुआ था और 1978 में एस-300 था। एस-400 का निर्माण  इसलिए हुआ था कि शीत युद्ध के दौरान अमेरिका और 1999 में शुरू रूस के बीच घातक हथियार और मिसाइल बनाने की होड़ थी । इसी हुआ एस 400 का परीक्षण समय रूस ने ऐसा एयर डिफेंस 2007 में रूस सिस्टम बनाया जो अमेरिका की मिसाइलों को रूस तक पहुंचने से पहले ही की एस 400 पहले ही खत्म कर दे।

    चार तरह की मिसाइलों से लैस

    5 मिनट में की जा सकती है तैनात

    120

    किलोमीटर

    200

    किलोमीटर

    250

    किलोमीटर

    400

    किलोमीटर

    आकाश

    * सतह से हवा में मार करने वाली स्वदेशी मिसाइल डिफेंस सिस्टम है

    * डीआरडीओ ने विकसित किया है आकाश एयर डिफेंस सिस्टम

    * लड़ाकू विमान, क्रूज मिसाइल, बैलेस्टिक मिसाइल और ड्रोन कर सकता है तबाह

    स्पाइडर

    सतह से हवा में मार करने वाला मिसाइल डिफेंस

    15-35

    किलोमीटर है स्पाइडर की 'आपरेशनल रेंज

    एमआर-एसएएम

    * सतह से हवा में मार करने वाला मीडियम रेंज मिसाइल डिफेंस सिस्टम

    * भारत ने इजरायल के साथ मिल कर बनाया है

    70 किलोमीटर है मिसाइल सिस्टम की रेंज

    30 से 70 किलोमीटर तक है आकाश की रेंज

    एक सिस्टम एक बार में 12 टारगेट पर कर सकता है।

    हमला

    वैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस शील्ड 15,000

    भारत के पास बैलेस्टिक मिसाइलों को मार गिराने की क्षमता है

    एंटी बैलेस्टिक मिसाइल सिस्टम में हैं दो तरह की मिसाइलें

    किलोमीटर दूर से आने वाली बैलेस्टिक

    मिसाइलों को तबाह कर सकती है

    बैलेस्टिक मिसाइल डिफेंस शील्ड

    पहली पृथ्वी एयर डिफेंस (पीडीए)। यह ज्यादा ऊंचाई वाली मिसाइलों को रोकती है। दूसरी एडवांस एयर डिफेंस (एएडी) है, जो कम ऊंचाई वाले मिसाइल हमलों को रोकती है। भारत यह क्षमता रखने वाले चंद देशों में शामिल है।

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