Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत-ब्रिटेन उच्चस्तरीय वार्ता, दोनों देशों में निवेश और शिक्षा पर हुए महत्वपूर्ण समझौते

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 07:04 PM (IST)

    मुंबई में भारत और ब्रिटेन के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के बीच रक्षा, शिक्षा समेत कई क्षेत्रों में समझौते हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन को भारत का स्वाभाविक साझीदार बताया और कहा कि दोनों देशों की साझेदारी वैश्विक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। ब्रिटेन की नौ यूनिवर्सिटी भारत में कैंपस खोलेंगी।

    Hero Image


    ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी  (DPR PMO/ANI Photo)


    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुंबई के राजभवन में गुरुवार सुबह भारत एवं ब्रिटेन के व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल के बीच हुई। बातचीत में रक्षा क्षेत्र एवं शिक्षा क्षेत्र सहित कई और महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण समझौते हुए। इस बातचीत के बाद एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन को भारत का स्वाभाविक साझीदार बताया और कहा कि मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के दौर में भारत और ब्रिटेन के बीच यह बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता एवं आर्थिक प्रगति का एक महत्त्वपूर्ण आधार बन रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन स्वाभाविक साझीदार हैं। लोकतंत्र, स्वतंत्रता एवं कानून का राज ही हमारे संबंधों की नीव है। मौजूदा वैश्विक अस्थिरता के दौर में भारत और ब्रिटेन के बीच यह बढ़ती साझेदारी वैश्विक स्थिरता एवं आर्थिक प्रगति का आधार बन रही है।

    भारत की गतिशीलता एवं ब्रिटेन की विशेषज्ञता एक विशिष्ट तालमेल बनाती है। हमारी साझेदारी योग्यता एवं प्रौद्योगिकी पर आधारित एवं विश्वसनीय है। आज जब मैं और प्रधानमंत्री स्टार्मर मंच पर एक साथ खड़े हैं, तो ये हमारा स्पष्ट कमिटमेंट है कि हम एक साथ मिलकर, दोनों देशों के लोगों के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करेंगे।

    गाजा के मुद्दे पर शांति का समर्थन

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज की बैठक में हमने इंडो-पेसिफिक, पश्चिम एशिया में शांति एवं स्थिरता, और यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर भी विचार साझा किए। उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन विवाद एवं गाजा के मुद्दे पर भारत बातचीत एवं राजनयिक तरीकों से शांति की बहाली से सभी प्रयासों का समर्थन करता है। भारत इंडो-पेसिफिक क्षेत्र में मैरीटाइम सिक्यूरिटी सहयोग बढ़ाने के लिए भी पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है।

    भारत और ब्रिटेन के बीच टेक्नोलाजी क्षेत्र में अपार संभावनाएं

    भारत और ब्रिटेन के बीच टेक्नोलाजी सहयोग के क्षेत्र में अपार संभावनाएं देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम ब्रिटेन की औद्योगिक विशेषज्ञता, शोध एवं विकास को भारत की बुद्धिमत्ता एवं स्केल (मात्रा) के साथ जोड़ने का काम कर रहे हैं। दोनों देशों की युवा पीढ़ी को इनोवेशन ब्रिज से जोड़ने के लिए हमने ‘कनेक्टिविटी एवं इनोवेशन सेंटर’ तथा ‘ज्वाइंट एआई रिसर्च सेंटर’ जैसे कई कदम उठाए हैं।

    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार, दोनों देशों ने मिलकर क्लाइमेट टेक्नोलाजी स्टार्टअप फंड की स्थापना भी की है। इससे दोनों देशों के मौसम, प्रौद्योगिकी एवं एआई क्षेत्र में काम कर रहे शोधकर्ताओं एवं व्यवसाइयों को मदद मिलेगी।

    ब्रिटेन की 9 यूनिवर्सिटी भारत में खोलने जा रही कैंपस

    प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच रक्षा एवं शिक्षा क्षेत्रों में हुए समझौतों का विशेष तौर पर उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि हम संयुक्त रूप से डिफेंस उत्पादन करने की ओर बढ़ रहे हैं। दोनों देशों की डिफेंस इंडस्ट्रीज को जोड़ रहे हैं। हमने मिलिटरी ट्रेनिंग में सहयोग पर समझौता किया है। इसके तहत भारतीय वायुसेना के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर्स ब्रिटेन की रायल एयर फोर्स में ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे। इसी प्रकार शिक्षा क्षेत्र में हुए समझौतों का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि ब्रिटेन की नौ यूनिवर्सिटीज भारत में अपने कैंपस खोलने जा रही हैं। वहां की साउथेंपटन यूनिवर्सिटी के गुरुग्राम कैंपस का उद्घाटन भी हो चुका है। इसमें छात्रों का पहला बैच प्रवेश ले चुका है।

    इसी प्रकार गिफ्ट सिटी में ब्रिटेन की तीन और यूनिवर्सिटीज के कैंपस निर्माण का कार्य चल रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ब्रिटेन में बसे 18 लाख भारतीयों को दोनों देशों के बीच की जीवंत कड़ी बताते हुए कहा कि इन प्रवासी भारतीयों ने ब्रिटिश समाज और अर्थव्यवस्था में अपने मूल्यवान योगदान से दोनों देशों के बीच मित्रता, सहयोग एवं विकास के पुल को मजबूत किया है।