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    Trump Tariff On India: 'बातचीत के दरवाजे खुले हैं...', US Tariff पर ट्रंप के अधिकारी ने भारत को दिया खुला ऑफर

    Updated: Wed, 27 Aug 2025 11:30 PM (IST)

    भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत जारी है जिसमें दोनों पक्ष सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाए गए शुल्क को अस्थायी माना जा रहा है और इसे सुलझाने के सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। वाणिज्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस समझौते में किसानों और छोटे उद्यमियों के हितों से समझौता नहीं किया जाएगा।

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    चार महीनों में अमेरिका को भारत के निर्यात में 21.64 प्रतिशत की वृद्धि (फोटो: रॉयटर्स)

    जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते को लेकर बातचीत के दरवाजे खुले हुए हैं। दोनों पक्ष इस दिशा में सक्रियता से काम कर रहे हैं। सरकारी सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी सरकार द्वारा भारतीय उत्पादों पर लगाया गया 50 प्रतिशत शुल्क एक अस्थायी चरण है, क्योंकि दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक संबंध हैं।

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    इसे सुलझाने के लिए सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। हालांकि वाणिज्य मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि इस व्यापार समझौते में किसानों, मछुआरों और छोटे उद्यमियों के हितों से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उधर पीटीआई के अनुसार, अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने भी बुधवार को भारत-अमेरिका संबंधों को बेहद जटिल तो बताया लेकिन साथ ही आशा व्यक्त की कि आखिरकार, जल्द ही हम एक साथ आएंगे। दोनों देशों के बीच समझौता हो जाएगा।

    अमेरिका को निर्यात में वृद्धि

    सूत्रों के अनुसार, इस वित्तीय वर्ष के पहले चार महीनों में अमेरिका को भारत के निर्यात में 21.64 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 33.53 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। रुझान के अनुसार, निर्यात पिछले वर्ष के आंकड़े (86.5 अरब डॉलर) को छू सकता है। वाणिज्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी टैरिफ भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया की समस्या है और इसे लेकर सभी काम कर रहे हैं।

    मंत्रालय का मानना है कि 27 अगस्त से अमेरिका में भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत शुल्क लगने के बावजूद पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की तरह ही हमारा निर्यात रहेगा। सूत्रों के अनुसार, निर्यातकों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि इन उच्च टैरिफ का प्रभाव उतना गंभीर नहीं होगा जितना कि आशंका जताई जा रही है खासकर भारतीय निर्यातों की विविधता को देखते हुए। पिछले वित्त वर्ष में भारत ने अमेरिका को 86 अरब डॉलर का निर्यात किया था।

    अमेरिकी वित्त मंत्री जताई उम्मीद

    चालू वित्त वर्ष 2025-26 में अप्रैल से जुलाई के बीच भारत ने अमेरिका में 33.53 अरब डॉलर का निर्यात किया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार घरेलू निर्यातकों को अमेरिकी टैरिफ के प्रभाव से बचाने के लिए उपायों पर काम कर रही है। वाणिज्य मंत्रालय इस सप्ताह रासायनिक, रत्न और आभूषण जैसे क्षेत्रों से संबंधित हितधारकों के साथ निर्यात को नए बाजारों में बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा करने के लिए बैठकें आयोजित कर रहा है।

    2025-26 के बजट में घोषित निर्यात संवर्धन मिशन के गठन पर भी तेजी से काम चल रहा है। उधर, भारतीय उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लागू होने के कुछ समय बाद ही एक साक्षात्कार के दौरान अमेरिकी अमेरिकी वित्त मंत्री बेंसेट ने भारत-अमेरिका संबंधों को बेहद जटिल बताते हुए उम्मीद जताई है कि आखिरकार, हम एक साथ आ जाएंगे। बेसेंट ने कहा- 'यह एक बहुत ही जटिल रिश्ता है। मगर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। यह सिर्फ रूसी तेल के मुद्दे पर ही नहीं है।'

    उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और अमेरिका दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमें लगता है कि आखिरकार, हम एक साथ आ जाएंगे।' बेसेंट ने कहा-' हमने सोचा था कि हम मई और जून में भारत के साथ एक समझौता करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका, लेकिन हम इस दिशा में अब तेजी से काम कर रहे हैं।

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