अरब सागर में गहरे दवाब से कई राज्यों में बिगड़ा मौसम का हाल, नेपाल में बारिश से बिहार में बाढ़ का खतरा
मानसून की वापसी धीमी हो गई है क्योंकि बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में दबाव बना हुआ है। उत्तर भारत में बारिश का नया दौर शुरू होने से खरीफ फसलों को नुकसान हो सकता है। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। पंजाब हरियाणा राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर में भी बारिश का अनुमान है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मानसून की वापसी की औपचारिक घोषणा हो चुकी है, लेकिन बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में बने गहरे दबाव तथा पाकिस्तान के ऊपर सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते लौटने की रफ्तार थम गई है। एक साथ तीन सिस्टम सक्रिय होने से देश के अधिकांश हिस्सों में मौसम फिर बिगड़ गया है।
उत्तर भारत समेत कई राज्यों में तेज बारिश का नया दौर शुरू हो रहा है, जिससे खरीफ की फसलों को भारी नुकसान का खतरा बढ़ गया है। खेतों में कटाई के लिए तैयार धान, दाल और तिलहन की फसलें लगातार भीगने से खराब हो सकती हैं। ग्रामीण इलाकों में खलिहानों में रखी उपज सड़ने का भी डर है। वहीं, रबी फसलों की बुआई भी पिछड़ सकती है।
बिहार सहित इन राज्यों में बारिश की संभावना
मौसम विभाग के अनुसार, चार से पांच अक्टूबर के बीच बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के उत्तरी जिलों में भारी से अति भारी वर्षा की संभावना है। नेपाल के तराई और जलग्रहण क्षेत्रों में भी तेज बारिश हो सकती है, जिससे उत्तर बिहार के निचले इलाकों में बाढ़ का संकट खड़ा हो सकता है। झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी तेज हवाओं के साथ मध्यम से भारी बारिश का अनुमान है। पश्चिमी विक्षोभ के आगे बढ़ने और नमी वाली हवाओं के टकराने से पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली-एनसीआर में तीन-चार दिन बाद झमाझम बारिश की संभावना जताई गई है।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी बिगड़ सकता है मौसम
छह-सात अक्टूबर को उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भी मौसम बिगड़ सकता है। उत्तराखंड में भारी बारिश और बादल फटने तक की चेतावनी दी गई है। ऐसे में विशेषज्ञों ने पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसानों को सलाह दी है कि खेतों और खलिहानों से तैयार फसल तुरंत हटा लें, ताकि नुकसान कम से कम हो।
आखिरी बारिश का फसलों पर पड़ेगा प्रभाव
स्काईमेट वेदर के अध्यक्ष जीपी शर्मा का कहना है कि इस साल का मानसून अन्य वर्षों से अलग रहा। जून से सितंबर तक यह 108 प्रतिशत लंबी अवधि की औसत बारिश के साथ खत्म हुआ, लेकिन वितरण असमान रहा। बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के बड़े हिस्से में कमी रही, जबकि मराठवाड़ा और रायलसीमा जैसे क्षेत्रों में बाद में स्थिति संभली। अब सीजन के आखिर में हो रही भारी बारिश वहां की फसलों को बुरी तरह प्रभावित कर सकती है।
इन राज्यों में हो सकती है बारिश
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से उठे दबाव के कारण आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में भी हल्की से मध्यम वर्षा होने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिक मानते हैं कि इस व्यापक गतिविधि से हफ्ते भर तक मानसून की विदाई टल जाएगी। जिन इलाकों से विदाई की घोषणा हो चुकी थी, वहां भी बारिश की वापसी हो सकती है।
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