रेलवे के एक फैसले से बदलने वाली है 85 लाख लोगों की जिंदगी, 24 हजार करोड़ की लागत से होगा ये काम
केंद्र सरकार ने रेलवे नेटवर्क को विस्तारित करने के लिए 24634 करोड़ रुपये की चार मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं से मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र और गुजरात के 18 जिलों को लाभ मिलेगा। वर्ष 2030-31 तक पूरा होने पर ये परियोजनाएं रेलवे नेटवर्क में 894 किलोमीटर की वृद्धि करेंगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारतीय रेलवे के नेटवर्क विस्तार के लिए चार बड़ी मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इनसे मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात के 18 जिलों में रेल संपर्क को नई गति मिलेगी। कुल 24,634 करोड़ की लागत से तैयार होने वाली ये परियोजनाएं 2030-31 तक पूरी होंगी, जिससे रेलवे नेटवर्क में 894 किलोमीटर की वृद्धि होगी।
यह माल और यात्री सेवाओं को गति देने के साथ-साथ आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य की दिशा में ठोस कदम भी साबित होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की मंगलवार को बैठक के बाद सूचना प्रसारण एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सभी योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
85 लाख से अधिक लोगों को सीधा लाभ
उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ इनके केंद्र में हैं। दोनों राज्यों में 84 किलोमीटर लंबी गोंदिया-डोंगरगढ़ चौथी लाइन और 237 किलोमीटर लंबी इटारसी-भोपाल-बीना चौथी लाइन स्वीकृत की गई है। इसके अलावा महाराष्ट्र में वर्धा-भुसावल तीसरी और चौथी लाइन (314 किमी) तथा गुजरात-मध्य प्रदेश में वडोदरा-रतलाम तीसरी और चौथी लाइन (259 किमी) को मंजूरी मिली है।
इन परियोजनाओं से करीब 3,633 गांवों के 85 लाख से अधिक लोगों को सीधा लाभ मिल सकेगा। इनमें दो आकांक्षी जिले, विदिशा (मध्य प्रदेश) और राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) भी शामिल हैं, जहां से प्रत्यक्ष नौकरी और स्वरोजगार के नए अवसर खुलने की उम्मीद है। नई लाइनों से रेल परिचालन में भीड़भाड़ कम होगी, ट्रेनों की गति और समयपालन सुधरेगा तथा लॉजिस्टिक दक्षता में बड़ा सुधार आएगा।
139 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन घटेगा
रेल मंत्री के अनुसार इन परियोजनाओं से प्रति वर्ष 780 लाख टन अतिरिक्त माल ढुलाई संभव होगी। कोयला, सीमेंट, कंटेनर, फ्लाई ऐश, खाद्यान्न और इस्पात जैसी वस्तुओं की ढुलाई में सुविधा बढ़ेगी। ऊर्जा कुशल और पर्यावरण अनुकूल रेल परिवहन से 139 करोड़ किलोग्राम कार्बन उत्सर्जन घटेगा, जो लगभग छह करोड़ पेड़ों के रोपण के बराबर है।
पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत तैयार इन योजनाओं का उद्देश्य मल्टी-मॉडल संपर्कता बढ़ाना और औद्योगिक क्षेत्रों को बेहतर रेल संपर्क देना है। परियोजना मार्ग सांची, भीमबेटका, नवेगांव और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों से होकर गुजरता है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा।
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