चीन के साथ व्यापारिक रिश्तों में नरमी लाने पर विचार, ट्रंप टैरिफ को बेअसर करने के लिए मिशन मोड में सरकार
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ को बेअसर करने के लिए सरकार सक्रिय हो गई है। आने वाले दिनों में कुछ बड़े आर्थिक फैसले लिए जाएंगे जिनमें चीन के साथ व्यापारिक रिश्तों को नरम करना शामिल है। जीएसटी का नया वर्जन लागू होगा। चीन के निवेश प्रस्ताव पर केस-टू-केस आधार पर विचार किया जा सकता है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ को बेअसर करने के लिए सरकार मिशन मोड में आ चुकी है। इस सिलसिले में आने वाले दिनों में कुछ बड़े आर्थिक फैसले लिए जाएंगे। जीएसटी में सुधार की घोषणा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहले ही कर चुके हैं।
अब सरकार के मंत्रालयों ने अगले 100 दिनों में लिए जाने वाले संभावित बड़े आर्थिक फैसलों पर काम करना शुरू कर दिया है। इन फैसलों में चीन के साथ व्यापारिक रिश्तों को नरम करना, ई-कामर्स एक्सपोर्ट हब की शुरुआत, चमड़ा उद्योग के लिए पर्यावरण नियम में छूट, स्टार्टअप को टैक्स में और छूट, तंबाकू व फार्मा व्यापारी के पंजीयन नवीनीकरण की समय सीमा को बढ़ाना और औद्योगिक मंजूरी के पोर्टल को और अपडेट करना शामिल है।
जीएसटी का नया वर्जन होगा लागू
वित्त मंत्रालय को अगले 100 दिनों में जीएसटी का नया वर्जन लागू करना है, जिस पर पहले ही काम शुरू हो चुका है। प्रधानमंत्री कार्यालय भी इस दिशा में नीति आयोग, प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार और कैबिनेट की आर्थिक समिति के सदस्यों के साथ बैठक कर रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, सरकार विदेशी निवेश को लेकर चीन के प्रस्ताव पर केस टू केस आधार पर विचार कर सकती है। पिछले कुछ वर्षों से चीन के निवेश प्रस्ताव की मंजूरी के लिए काफी कठिन नियम लागू है। सोमवार को चीन और भारत के विदेश मंत्रियों की नई दिल्ली में मुलाकात हो रही है।
पीएम मोदी से मिलेंगे चीनी विदेश मंत्री
मंगलवार को चीन के विदेश मंत्री प्रधानमंत्री मोदी से भी मुलाकात कर रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी भी जल्द ही चीन का दौरा करने वाले हैं। इस बदलते वातावरण में चीन के साथ भारत की व्यापारिक सहभागिता बढ़ सकती है। इस क्रम में ही उपभोक्ता वस्तु, नवीकरणीय ऊर्जा जैसे सामान्य सेक्टर में चीन की कंपनियों के निवेश प्रस्ताव पर सरकार विचार कर सकती है। लेकिन, रणनीतिक सेक्टर में चीन की कंपनियों के लिए निवेश का दरवाजा नहीं खुलेगा।
चीन के निवेश प्रस्ताव से जुड़े नियम में ढील देकर भारत चीन के बाजार में भारतीय वस्तुओं का प्रवेश बढ़ाने की बात कर सकता है। अभी दवा, प्रोसेस्ड व अन्य खाद्य वस्तुओं का निर्यात चीन में बिल्कुल नहीं हो पाता है। चीन अपने आइटी सेक्टर में भी भारतीय कंपनियों को काम नहीं देता है। चीन को भारत का निर्यात बढ़ने से उसके साथ हमारा व्यापार घाटा भी कम होगा। चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-जुलाई में भारत ने चीन से 40.66 अरब डालर का आयात किया, जबकि भारत इस अवधि में चीन को सिर्फ 5.76 अरब डालर का ही निर्यात कर पाया।
आर्थिक बदलावों पीयूष गोयल ने की बैठक
वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने अगले 100 दिनों में किए जाने वाले बड़े आर्थिक बदलावों को लेकर अपने मंत्रालय के अधिकारियों के साथ सोमवार को महत्वपूर्ण बैठक की। गोयल ने कहा कि उनका मंत्रालय देश की आर्थिक वृद्धि को और तेज करने के लिए अगले 100 दिन के एजेंडे पर काम कर रहा है। सरकार ईज आफ डूइंग बिजनेस और ईज आफ लिविंग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठा रही है। हमने सामूहिक रूप से संकल्प लिया है कि अगले 100 दिनों में हम 15 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किए गए आह्वान का पालन करेंगे, जिसका उद्देश्य तेज आर्थिक विकास और 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है।
सूत्रों के मुताबिक, जल्द ही ई-कामर्स एक्सपोर्ट हब की शुरुआत कर दी जाएगी, ताकि निर्यात को प्रोत्साहन मिल सके। वैसे ही लेदर यूनिट की स्थापना के लिए पर्यावरण नियम में छूट पर भी फैसला लिया जा सकता है। गत 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने अगले चरण के आर्थिक सुधारों के लिए कार्यबल गठित करने की घोषणा की थी। कार्यबल के गठन को लेकर नीति आयोग और प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद से सलाह ली जा रही है।
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