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    कार्बन टैक्स पर भारत की दो टूक, EU से जवाबी कार्रवाई की चेतावनी

    Updated: Thu, 12 Jun 2025 08:44 PM (IST)

    वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यूरोपीय यूनियन द्वारा कार्बन टैक्स लगाने पर भारत भी जवाबी कार्रवाई कर सकता है। उन्होंने यूरोपीय यूनियन के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की उम्मीद जताई और कहा कि वार्ता में संवदेनशील मुद्दों पर सहमति बनी है। गोयल ने विकसित देशों पर कार्बन उत्सर्जन कम करने में विकासशील देशों की मदद न करने का आरोप लगाया।

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    ईयू अगर भारतीय वस्तुओं पर टैक्स लगाता है तो भारत भी टैक्स लगा सकता है: पीयूष गोयल।(फाइल फोटो)

    राजीव कुमार, स्टॉकहोम। वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि यूरोपीय यूनियन (ईयू) अगर कार्बन बार्डर एडजस्टमेंट मैकेनिज्म (सीबैम) के तहत भारतीय वस्तुओं पर टैक्स लगाता है तो भारत भी उनकी वस्तुओं पर इस प्रकार के टैक्स लगा सकता है या अन्य जवाबी कार्रवाई कर सकता है। यूरोपीय यूनियन की तरफ से ऐसा करना ठीक नहीं होगा और यह एकतरफा फैसला होगा।

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    उन्होंने कहा कि इस साल ईयू के साथ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) करने का लक्ष्य है, लेकिन हो सकता है बहुत जल्द भारत व ईयू के बीच एफटीए हो जाए। दोनों पक्षों के बीच वार्ता काफी आगे जा चुकी है और दोनों देशों ने एफटीए के बीच एक-दूसरे के संवेदनशील आइटम को दूर रखने का फैसला किया है।

    गोयल ने कहा कि वर्ष 2015 में विकसित देशों ने कहा था कि कार्बन उत्सर्जन को कम करने में वे विकासशील देशों की आर्थिक मदद करेंगे, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब अगर यूरोपीय यूनियन सीबैम के तहत टैक्स लगाता है तो यह गलत होगा, लेकिन हमें उम्मीद है कि ईयू कोई न कोई रास्ता निकाल लेगा। सीबैम के तहत अतिरिक्त टैक्स लगने से भारत से ईयू में निर्यात होने वाले स्टील, एल्युमीनियम जैसे आइटम काफी महंगे हो जाएंगे और इससे भारतीय निर्यात प्रभावित होगा।

    गोयल ने यह भी कहा कि भारत ने अपने सैकड़ों उत्पादों के लिए जो गुणवत्ता नियंत्रण का नियम लगाया है, उसमें भरोसेमंद देशों के लिए छूट की गुंजाइश निकल सकती है। गुणवत्ता का यह नियम घरेलू और आयातित दोनों के लिए लागू किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोई देश भारतीय वस्तुओं को अपने गुणवत्ता सर्टिफिकेट हासिल करने में छूट देता है तो भारत भी उनकी वस्तुओं पर गुणवत्ता के लिए सर्टिफिकेट हासिल करने के नियम में छूट दे सकता है। यह नियम उन देशों के लिए होगा जो गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने के लिए जाने जाते हैं।

    बाक्सस्वीडन के उद्यमियों ने कहा, भारत औद्योगिक विकास का पावरहाउस बनने की ओरवाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के साथ बैठक में कनफेडरेशन ऑफ स्वीडिश इंटरप्राइजेज के चेयरमैन एवं एरिक्सन समूह के वाइस चेयरमैन जैकेब वालेनबर्ग ने कहा कि भारत औद्योगिक विकास का पावरहाउस बनता जा रहा है और भारत दुनिया की सप्लाई चेन का अहम हिस्सा बन सकता है और इसमें स्वीडन की कंपनियां भारत का साथ देना चाहती है।

    स्वीडन के विदेशी व्यापार मंत्री बेंजामीन डौसा ने कहा कि भारत और ईयू के बीच एफटीए होने से भारत और स्वीडन के बीच होने वाले व्यापार को अगले चरण में ले जाने में मदद मिलेगी। भारत में एरिक्सन, टेट्रापैक, आकिया, वोल्वो जैसी कंपनियां बड़े पैमाने पर काम कर रही है।