Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    भारत-अमेरिका ट्रेड डील की आखिरी दौर की बातचीत जारी, PM के आर्थिक सलाहकार परिषद ने चेयरमैन ने दिया बयान

    Updated: Fri, 31 Oct 2025 08:50 PM (IST)

    प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के चेयरमैन एस महेंद्र देव ने कहा कि भारत को अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत जारी रखनी चाहिए। उन्होंने निर्यात में विविधता लाने और मुक्त व्यापार समझौतों पर जोर दिया। देव ने कहा कि भारत के पास वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी बढ़ाने के अवसर हैं, भले ही संरक्षणवाद बढ़ रहा हो। उन्होंने रूस से तेल खरीदने पर अमेरिका के दबाव और अनुचित शुल्कों का भी उल्लेख किया।

    Hero Image

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत जारी। जागरण फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (ईएसी-पीएम) के चेयरमैन एस महेंद्र देव ने शुक्रवार को कहा कि भारत को अमेरिका के साथ प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (बीटीए) को अंतिम रूप देने के लिए वाशिंगट के साथ बातचीत जारी रखनी चाहिए।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साथ ही अन्य देशों को किए जाने वाले निर्यात में विविधता लानी चाहिए और मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर बातचीत तेज करनी चाहिए। एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देव ने कहा कि बढ़ते संरक्षणवाद और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में कमी के बावजूद भारत के लिए विश्व वस्तु व्यापार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के अनेक अवसर मौजूद हैं।

    भारत-अमेरिका व्यापार समझौते पर बातचीत जारी

    प्रख्यात अर्थशास्त्री ने कहा कि नियम आधारित विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) हमेशा संरक्षणवाद से बेहतर होता है। उनकी यह टिप्पणी इसलिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि अमेरिका भारत पर रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद करने का दबाव बना रहा है। अमेरिका ने 22 अक्टूबर को रूस के दो सबसे बड़े कच्चे तेल उत्पादकों रोसनेफ्ट और लुकोइल पर प्रतिबंध लगा दिए और सभी अमेरिकी संस्थाओं और व्यक्तियों को उनके साथ व्यापार करने से रोक दिया।

    निर्यात में विविधता लाने पर जोर

    अमेरिका ने रूस से तेल खरीदने पर भारत पर 25 प्रतिशत का जुर्माना लगाया है। यह अमेरिकी बाजारों में प्रवेश करने वाले भारतीय सामानों पर 25 प्रतिशत के पारस्परिक शुल्क के अतिरिक्त है। कुल मिलाकर, भारतीय सामानों पर अमेरिका में 50 प्रतिशत का अतिरिक्त आयात शुल्क लग रहा है। भारत ने इन शुल्कों को अनुचित और अतार्किक बताया है।

    रूस से तेल खरीदने पर अमेरिकी दबाव

    उन्होंने यह भी कहा कि भारत के आकार का कोई भी उभरता हुआ बाजार मजबूत निर्यात वृद्धि के बिना एक दशक या उससे अधिक समय तक सात या आठ प्रतिशत की दर से नहीं बढ़ा है। देव ने इस बात पर जोर दिया कि भारत में 200 से 500 कर्मचारियों वाली मध्यम स्तर की कई मैन्यूफैक्चरिग यूनिट होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि 1700 ईस्वी में विश्व जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत थी। कुछ अनुमानों के अनुसार, 2043 तक विश्व जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत होने की संभावना है।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)