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    INS 'इक्षक' भारतीय नौसेना में शामिल, समुद्री सर्वेक्षण क्षमताओं को मिलेगा बढ़ावा

    Updated: Fri, 07 Nov 2025 09:30 PM (IST)

    तीसरा स्वदेशी सर्वेक्षण पोत आइएनएस 'इक्षक' कोच्चि में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। यह पोत समुद्री और जलीय क्षमताओं को बढ़ाने की प्रतिबद्धता है। आधुनिक सिस्टम और हेलीकाप्टर से लैस, यह सर्वेक्षण और आपदा राहत कार्यों में सक्षम है। यह पहला पोत है जिसमें महिला आवास है, जो समावेशिता का प्रतीक है। INS 'इक्षक' समुद्री सुरक्षा और जल सर्वेक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

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    INS 'इक्षक' नौसेना में शामिल। फाइल फोटो

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। तीसरा स्वदेशी सर्वेक्षण पोत आइएनएस 'इक्षक' कोच्चि नौसैनिक अड्डे पर एक औपचारिक समारोह में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। आइएनएस 'इक्षक' भारतीय नौसेना की समुद्री और जलीय क्षमताओं को बढ़ाने की ²ढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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    आधुनिक हाइड्रोग्राफिक, ओशनोग्राफिक सिस्टम, हेलीकाप्टर से लैस यह जहाज अद्वितीय परिचालन बहुपरकता प्रदान करता है, जो सर्वे वेसल और मानवतावादी सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) संचालन के लिए एक प्लेटफार्म के रूप में कार्य करता है। आवश्यकता पड़ने पर जहाज अस्पताल के रूप में भी कार्य कर सकता है।

    INS 'इक्षक' नौसेना में शामिल

    कमांडिंग अफसर कैप्टन त्रिभुवन सिंह ने जहाज के कमीशनिंग वारंट के पठन से की। इक्षक पहला 'सर्वे वेसल लार्ज' (एसवीएल) है जिसे समर्पित महिला आवास के साथ डिजाइन किया गया है, जो नौसेना की समावेशिता व आधुनिकीकरण की प्रतिबद्धता दर्शाता है। इसका समावेश भारत की जल सर्वेक्षण क्षमता और स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता को बढ़ाता है।

    आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक

    INS 'इक्षक' अनजान जल क्षेत्रों का मानचित्रण करने, समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने और अहम समुद्री मार्गों पर राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत करने के लिए तैयार है। आइएनएस 'इक्षक' के कमांडिंग अफसर कैप्टन त्रिभुवन सिंह  ने कहा, 'इक्षक गहरे महासागरों और अनजान जल क्षेत्रों का सर्वेक्षण करेगा ताकि सभी नाविकों को सुरक्षित मार्गदर्शन मिल सके।

    चालक दल भविष्य में यात्रा करने के लिए तैयार है व हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री समुदाय को सुरक्षित रखने के लिए गुणवत्ता वाले चार्ट और उत्पाद तैयार करेगा।' नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने 'इक्षक' को भारतीय नौसेना, उद्योगों और एमएसएमई के बीच प्रभावी सहयोग का प्रमाण बताया, जो आत्मनिर्भर भारत का प्रतीक है।

    (न्यूज एजेंसी ANI के इनपुट के साथ)