'खेलों में रुचि है लेकिन राजनीति में खेल नहीं करते', उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार राधाकृष्णन को लेकर बोले PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को सर्वसम्मति से जिताने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन सरल नेता हैं और राजनीति में खेल नहीं करते। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के जमीनी नेता रहे हैं। बताया जाता है कि राधाकृष्णन बुधवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को सर्वसम्मति से जिताने की अपील की है। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन सरल नेता हैं और राजनीति में खेल नहीं करते। उन्होंने कहा कि राधाकृष्णन अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के जमीनी नेता रहे हैं। बताया जाता है कि राधाकृष्णन बुधवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगे।
पीएम मोदी राधाकृष्णन की प्रशंसा की
राजग संसदीय दल की बैठक में पीएम मोदी ने राधाकृष्णन का सदस्यों से परिचय कराया और उनका अभिनंदन किया। इस मौके पर उन्होंने पूर्व तमिलनाडु भाजपा अध्यक्ष के साथ अपने चार दशक लंबे जुड़ाव को भी याद किया। पीएम मोदी ने कहा कि वे राधाकृष्णन को तब से जानते हैं, जब उनके बाल काले थे। उन्होंने विभिन्न क्षमताओं में उनके योगदान की प्रशंसा भी की।
राधाकृष्णन की एक उत्साही खिलाड़ी- पीएम
सूत्रों के अनुसार, राधाकृष्णन की एक उत्साही खिलाड़ी के रूप में पृष्ठभूमि का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी खेलों में काफी रुचि है, लेकिन वे राजनीति में नहीं उलझते।
उनकी टिप्पणियों ने कुछ सांसदों को जगदीप धनखड़ की याद दिला दी, जिन्होंने 21 जुलाई को अचानक उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बीच संकेत मिले थे कि सत्तारूढ़ पार्टी के साथ उनके खराब होते संबंधों के कारण उन्हें यह पद छोड़ना पड़ा।
नेहरू ने माना था सिंधु जल संधि से देश को लाभ नहीं
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंधु जल संधि को किसान विरोधी बताते हुए कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने भी स्वीकार किया था कि इस संधि से भारत को कोई लाभ नहीं हुआ। पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू ने देश का दो बार विभाजन कराया। पहला रेडक्लिफ लाइन के जरिये और दूसरा इस जल संधि के जरिये, जिससे नदी का 80 प्रतिशत जल पाकिस्तान को चला गया।
उन्होंने कहा कि जल संधि किसान विरोधी थी। सूत्रों के मुताबिक पीएम ने दावा किया कि नेहरू ने अपनी इस भूल का उल्लेख अपने सचिव से किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि नेहरू ने अपने एक सहयोगी से कहा था कि जल संधि के बाद उनको लगा था कि पाकिस्तान से अन्य मुद्दे सुलझ जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। गौरतलब है कि पहलगाम आतंकी हमले के बाद इस संधि को स्थगित कर दिया था।
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