Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    किसानों को बिना ब्याज के मिलता रहेगा ऋण, जिला अस्पतालों में बढ़ेंगे 800 बेड, 810 पद को भी मंजूरी

    Updated: Thu, 23 Oct 2025 07:28 PM (IST)

    प्रदेश सरकार ने किसानों को सहकारी बैंकों से बिना ब्याज ऋण देने का फैसला किया है, जिसके तहत 23 हजार करोड़ रुपये का वितरण होगा। खरीफ 2025 के लिए अंतिम तिथि 28 मार्च 2026 है। टीकमगढ़ समेत पांच जिला अस्पतालों में 800 बिस्तर बढ़ेंगे और 810 नए पद स्वीकृत हुए हैं। पुनर्घनत्वीकरण नीति में अब निर्माण एजेंसी को 100% कलेक्टर गाइडलाइन चुकानी होगी।

    Hero Image

    किसानों को बिना ब्याज ऋण जारी

    राज्य ब्यूरो, भोपाल। प्रदेश सरकार ने किसान हित में एक और बड़ा निर्णय लेते हुए तय किया है कि सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को बिना ब्याज का ऋण मिलता रहेगा। इस वर्ष 23 हजार करोड़ रूपये वितरण का लक्ष्य रखा गया हैं। खरीफ सीजन 2025 के लिए ऋण चुकाने की अवधि 28 मार्च 2026 और रबी 2025-26 सीजन के लिए 15 जून 2026 रहेगी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके साथ ही जिला चिकित्सालय टीकमगढ़, नीमच, सिंगरौली, श्योपुर एवं डिंडौरी में 800 बिस्तर बढ़ाने और चिकित्सालयों के संचालन के लिए 810 नए पद स्वीकृत किए गए। वहीं, पुनर्घनत्वीकरण नीति में अब निर्माण एजेंसी को लागत निकालने के लिए दिए जाने वाले भूखंड के लिए 100 प्रतिशत कलेक्टर गाइडलाइन चुकानी होगी।

    किसानों को बिना ब्याज ऋण जारी

    भाईदूज पर्व के कारण कई मंत्री बैठक में वर्चुअली शामिल हुए। तीन लाख रुपये तक मिलता है ऋण-खरीफ एवं रबी सीजन की निर्धारित तिथि तक ऋण चुकाने वाले किसानों से प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा तीन लाख रूपये तक ऋण दिया जाता है।

    सरकार इस पर कोई ब्याज नहीं नहीं लेती है। ऋण लागत निकालने के लिए सरकार अपनी ओर से ब्याज अनुदान देती है। बैठक में योजना को निरंतर रखने का निर्णय लिया गया। वहीं, जिला चिकित्सालय टीकमगढ़, नीमच, सिंगरौली, श्योपुर एवं डिंडोरी में 543 नियमित, चार संविदा एवं आउटसोर्सिंग एजेंसी के माध्यम से 263 पदों की स्वीकृत किए गए। जिला चिकित्सालय टीकमगढ़ में बिस्तर की संख्या 300 से बढ़ाकर 500, नीमच में 200 से 400, सिंगरौली में 200 से 400, श्योपुर में 200 से 300 और डिंडौरी में100 से बढ़ाकर 200 की गई है।

    40 प्रतिशत बढ़ जाएगी आय

    प्रदेश में अभी पुनर्घनत्वीकरण नीति में निर्माण एजेंसी को लागत निकालने के लिए जो भूमि दी जाती है, उसका आरक्षित मूल्य कलेक्टर गाइडलाइन का 60 प्रतिशत लिया जाता था। ऐसा प्रविधान लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग द्वारा भूमि की नीलामी में था। इससे सरकार को नुकसान हो रहा था इसलिए तत्कालीन मुख्य सचिव वीरा राणा ने इसे 100 प्रतिशत करने का सुझाव दिया था। तब से प्रस्ताव लंबित था। अब सरकार ने नीति में संशोधन करके 100 प्रतिशत कलेक्टर गाइडलाइन दर लेने का निर्णय लिया है।

    सतत विकास के लक्ष्यों को प्राप्त करने वाले जिले होंगे पुरस्कृत

    स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी, लैंगिक असमनता, स्वच्छता सहित अन्य विकास लक्ष्यों के क्रियान्वयन के लिए मूल्यांकन योजना को वर्ष 2025-30 तक के लिए स्वीकृति दी गई।इसमें राज्य, जिला एवं विकासखंड स्तर पर स्थानीयकरण, क्रियान्वयन, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन सुनिश्चित किया जाएगा। डैशबोर्ड के माध्यम से रैंकिंग होगी और दो शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिलों को क्रमश: एक करोड़ और 75 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाएगी।