बांग्लादेश में सक्रिय हुई ISI, भारतीय एजेंसियां चौकन्नी; क्या फिर कोई साजिश रच रहा पाक?
भारतीय खुफिया एजेंसियां बांग्लादेश में आईएसआई की बढ़ती गतिविधियों को लेकर सतर्क हैं। शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद आईएसआई की सक्रियता बढ़ी है। भार ...और पढ़ें

भारत की खुफिया एजेंसियों की नजर पड़ोसी देश बांग्लादेश में आईएसआई की गतिविधियों पर (प्रतीकात्मक तस्वीर)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों के दौरान देश के भीतर आतंकवादियों की बढ़ती सक्रियता के मद्देनजर भारत की खुफिया एजेंसियों की नजर पड़ोसी देश बांग्लादेश में पाकिस्तान की कुख्यात खुफिया एजेंसी आईएसआई की गतिविधियों पर भी है। शेख हसीना की 5 अगस्त 2024 को सत्ता से बेदखली के बाद मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार के कार्यकाल में बांग्लादेश ने जिस तेजी से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को अपने यहां स्वागत किया है, उससे भारत सतर्क है।
भारत इस बात से चिंतित है कि जिस तरह से पहले भी पूर्व में आईएसआई ने बांग्लादेश के जरिए भारत में आतंकवादी वारदातों को अंजाम दिया था, वैसा इस बार भी ना हो। ऐसे में ना सिर्फ भारत-बांग्लादेश सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी गई है बल्कि समूचे पूर्वोत्तर राज्यों को लेकर ज्यादा चौकसी बरती जा रही है।
दोनों एजेंसियों का सहयोग ऐतिहासिक रूप से भारत-विरोधी
सूत्रों का कहना है कि पिछले सात-आठ महीनों के दौरान ना सिर्फ पाकिस्तान और बांग्लादेश की सेनाओं के बीच संपर्क तेज हुआ है बल्कि पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई और बांग्लादेश की डीजीएफआई (डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ फोर्सेज इंटेलिजेंस) के बीच सहयोग बढ़ रहा है। यह सहयोग मुख्य रूप से खुफिया जानकारी साझा करने, सैन्य प्रशिक्षण और क्षेत्रीय सुरक्षा पर केंद्रित है। इन दोनों एजेंसियों का सहयोग ऐतिहासिक रूप से भारत-विरोधी रहा है।
भारतीय एजेंसियों को इस बात की सूचना मिली है कि आईएसआई व डीजीएफआई ने एक नई खुफिया व्यवस्था बनाने का काम शुरू किया है जो पूरी तरह से भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की निगरानी का काम करेगा। उक्त सूत्रों के मुताबिक इस बात में कोई शंका नहीं है कि इनके निशाने पर भारत ही है। इस तरह की व्यवस्था पहले भी थी लेकिन वर्ष 2009 में शेख हसीना के प्रधानमंत्री बनने के बाद खत्म कर दिया गया था।
खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान पर बात हुई
अभी हाल ही में पाकिस्तान के चीफ ऑफ ज्वाइंट चीफ्स जनरल साहिर शमशाद मिर्जा ने ढाका की यात्रा की थी। इस दौरान भी दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग और खुफिया सूचनाओं के आदान-प्रदान पर बात हुई है। इस बीच ढाका में पाक के उच्चायोग में आईएसआई प्रकोष्ठ तकरीबन डेढ़ दशक बाद फिर से सक्रिय हो चुका है। इसके लिए पाक सरकार ने वहां ब्रिगेडियर, कर्नल और मेजर स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति की है।
इस योजना को परवान चढ़ाने के लिए जून, 2025 में आईएसआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने ढाका का दौरा किया था। जबकि जनवरी, 2025 में आईएसआई के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल नदीस अनीस भी बांग्लादेश का दौरा कर चुके हैं। सनद रहे कि वर्ष 2009 से पहले जब ढाका में आईएसआई सक्रिय था तब उसने जमाते-इस्लामी के जरिए भारत के कई शहरों में आतंकवादी वारदातों को अंजाम दिया था।

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