भारत में हथियार फैक्ट्रियां स्थापित करने की फिराक में पाकिस्तान, ISI भारत के दूर-दराज के इलाकों में बना रही योजना
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ लोगों की नजरों से बचकर दूर-दराज के इलाकों में गोला-बारूद या बम व हथियार तैयार करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इससे जम्मू-कश्मीर और अन्य जगहों पर सक्रिय आतंकियों तक हथियारों की तेज और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित होगी। यह बंगाल में बर्द्धमान मॉड्यूल की तर्ज पर है जिसका 2014 में भारतीय एजेंसियों ने भंडाफोड़ किया था।

आईएएनएस, नई दिल्ली। पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से लगती सीमा पर सुरक्षा अब तक के सबसे उच्च स्तर पर है। इस कारण पाकिस्तानी आतंकियों के लिए घुसपैठ लगभग असंभव हो गई है और जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के लिए हथियारों की तस्करी भी नहीं हो पा रही है।
आइएसआइ ने भारत में अपने मॉड्यूल सक्रिय कर दिए हैं
लिहाजा पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने अब भारत में अपने मॉड्यूल सक्रिय कर दिए हैं और उन्हें लोगों की नजरों से बचकर दूर-दराज के इलाकों में गोला-बारूद या बम व हथियार तैयार करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
बंगाल में बर्द्धमान मॉड्यूल की तर्ज पर होगा काम
इससे जम्मू-कश्मीर और अन्य जगहों पर सक्रिय आतंकियों तक हथियारों की तेज और सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित होगी। यह बंगाल में बर्द्धमान मॉड्यूल की तर्ज पर है, जिसका 2014 में भारतीय एजेंसियों ने भंडाफोड़ किया था।
इंटेलिजेंस ब्यूरो को पता चला है कि देशभर में हथियार और गोला-बारूद बनाने के लिए छोटी इकाइयां स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है।
एजेंसियों ने राज्य पुलिस इकाइयों को केंद्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने की सलाह दी है क्योंकि इन माड्यूलों पर नजर रखकर उन्हें बंद करना होगा। अगर चूक हुई तो रातों-रात कई छोटी इकाइयां स्थापित हो सकती हैं और उनमें भारी मात्रा में हथियार व गोला-बारूद का उत्पादन हो सकता है।
आइएसआइ भारत में बैठे अपने गुर्गों से पहुंचाएगी पैसा
एजेंसियों का कहना है कि इन इकाइयों के लिए धन गुप्त तरीके से भेजा जाएगा। आइएसआइ भारत में अपने गुर्गों तक पैसा हवाला के जरिये पहुंचाती है और ज्यादातर पैसा खाड़ी देशों से आता है।
बर्द्धमान मॉड्यूल में बम बनाने की फैक्ट्रियों का खुलासा
गौरतलब है कि बर्द्धमान मॉड्यूल में बम बनाने की फैक्ट्रियां कुटीर उद्योगों की तरह चल रही थीं। पटाखा बनाने वाली इकाइयों में बम बनाए जा रहे थे, इसलिए पुलिस का ध्यान उन पर कभी नहीं गया था। मॉड्यूल का भंडाफोड़ होने के बाद पता चला था कि हजारों बम बनाए गए थे।
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