ISRO का बड़ा कमाल, गगनयान पैराशूट सिस्टम के लिए पहला एयर-ड्रॉप परीक्षण सफल
इसरो ने गगनयान मिशन के लिए पहला एकीकृत एयर ड्राप परीक्षण किया जो अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षित लैंडिंग सुनिश्चित करने के लिए पैराशूट आधारित प्रणाली के प्रदर्शन का परीक्षण था। श्रीहरिकोटा में इसरो वायुसेना डीआरडीओ नौसेना और तटरक्षक बल ने संयुक्त रूप से यह परीक्षण किया। गगनयान मिशन का लक्ष्य तीन अंतरिक्षयात्रियों को पृथ्वी की 400 किलोमीटर की कक्षा में भेजना और सुरक्षित रूप से वापस लाना है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ISRO ने गगनयान मिशन के लिए रविवार को पहला एकीकृत एयर ड्राप परीक्षण (आइएडीटी-01) किया। गगनयान मिशन के पैराशूट आधारित धीमीकरण प्रणाली के प्रदर्शन के लिए यह परीक्षण किया गया।
परीक्षण के दौरान पैराशूट आधारित सिस्टम की क्षमता का परीक्षण किया गया ताकि अंतरिक्ष से लौटते समय भारतीय अंतरिक्षयात्रियों की सुरक्षित लैं¨डग सुनिश्चित हो सके।
श्रीहरिकोटा में किया गया परीक्षण
इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि यह परीक्षण आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के निकट इसरो भारतीय वायुसेना, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।
गगनयान मिशन में पृथ्वी की 400 किलोमीटर पर स्थित निचली कक्षा में तीन अंतरिक्षयात्रियों को भेजा जाएगा। इसके बाद पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी भी कराई जाएगी। इसका उद्देश्य यह प्रदर्शित करना है कि भारत की क्षमता को मानवों को अंतरिक्ष में भेज सकता है और उन्हें सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस ला सकता है।
भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन
यह भारत का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन होगा। पैराशूट आधारित धीमीकरण तंत्र चालक दल के मॉड्यूल की पुन: प्रवेश और लैं¨डग के दौरान सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
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