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    'सीमा पार आतंकवाद से भारत-अफगानिस्तान को खतरा', मुत्तकी से मुलाकात के बाद जयशंकर का पाकिस्तान पर हमला 

    By JAIPRAKASH RANJANEdited By: Abhishek Prathapsingh
    Updated: Fri, 10 Oct 2025 09:22 PM (IST)

    अफगानिस्तान में दूतावास फिर से खोलने की भारत की घोषणा। विदेश मंत्री जयशंकर ने तालिबान के विदेश मंत्री मुत्तकी से मुलाकात की। भारत ने अफगानिस्तान को स्वास्थ्य सेवा में मदद का आश्वासन दिया और 20 एंबुलेंस देने की घोषणा की। मुत्तकी ने भारत को आश्वस्त किया कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल भारत के खिलाफ नहीं होगा। जयशंकर ने पाकिस्तान को भी कड़ा संदेश दिया।

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    विदेश मंत्री एस. जयशंकर। (फाइल फोटो)

    जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। ऐसे समय जब अफगानिस्तान एक बार फिर वैश्विक शक्तियों के आकर्षण का केंद्र बनता दिख रहा है तब भारत ने काबुल स्थित दूतासावस को फिर से खोलने का ऐलान किया है। साथ ही अफगानिस्तान को अपने से सटा हुआ देश बता कर भारत सरकार ने पाकिस्तान को भी साफ संकेत दिया है कि गुलाम कश्मीर को लेकर वह अपनी नीति पर अडिग है।

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    शुक्रवार को तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के साथ बैठक के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने तकनीकी मिशन को पूर्णकालिक दूतावास में बदलने की घोषणा की। अगस्त, 2021 में तालिबान के आने के बाद अफगानिस्तान की अस्थिर स्थिति को देख भारत ने दूतावास को बंद कर दिया था। हालांकि भारत ने तालिबान सरकार को अभी मान्यता नहीं दी है। यहां बैठक में अफगानिस्तान को 20 एंबुलेंस देने समेत वहां की आम जनता को बेहतर स्वास्थय सेवा देने के लिए भारत ने कई मदद की घोषणा की गई।

    भारत के खिलाफ नहीं इस्तेमाल होगी अफगानिस्तान की जमीन

    अफगानी विदेश मंत्री ने भारत को आश्वास्त किया कि उनके देश की जमीन कभी भी भारत के हितों के खिलाफ इस्तेमाल नहीं होगा। अफगानिस्तान ने भारतीय कंपनियों को अपने खनन क्षेत्र में निवेश के लिए आमंत्रित किया है, जबकि उन पर अमेरिका और चीन की नजरें हैं।

    भारत और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों की इस बैठक में पाकिस्तान को कई तरह से संदेश दिया गया। पहले जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि, “एक पड़ोसी और अफगान लोगों के शुभचिंतक के रूप में, भारत को आपके विकास और प्रगति में गहरी रुचि है। हमारी लंबे समय से चली आ रही साझेदारी, जिसमें अफगानिस्तान में कई भारतीय परियोजनाएं शामिल हैं, को फिर शुरु किया जाएगा।''

    जयशंकर ने पाकिस्तान को बताया भारत का पड़ोसी

    यहां जयशंकर ने पाकिस्तान को भारत का पड़ोसी बताया है। वर्ष 1947 तक भारत और अफगानिस्तान के बीच लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा थी, जिसका एक बड़ा हिस्सा पाकिस्तान की सीमा बनी। लेकिन जम्मू व कश्मीर का एक बड़ा हिस्सा अफगानिस्तान से सटा था जिसे बाद में पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया है।

    काबुल में भारत के तकनीकी मिशन को भारत के दूतावास के दर्जे में उन्नत करने की घोषणा करते हुए जयशंकर ने फिर कहा कि, “भारत अफगानिस्तान की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और स्वतंत्रता के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।'' पाकिस्तान और तालिबान सरकार के बीच सीमा विवाद हाल ही में काफी बढ़ गया है। अफगानिस्तान डूरंड रेखा (पाकिस्तान को बांटने वाली सीमा रेखा) को सही नहीं मानता।

    भारत ने किया अफगानिस्तान का धन्यवाद

    मुत्तकी के साथ बैठक में जयशंकर ने आपरेशन सिंदूर के दौरान अफगानिस्तान से मिले सहयोग के लिए उसका धन्यवाद किया। बाद में जारी संयुक्त बयान में पाकिस्तान की तरफ से निशाना लगाते हुए कहा गया है कि, “दोनों देश इस क्षेत्र के देशों की तरफ से पैदा होने वाले हर तरह के आतंकवाद की निंदा करते हैं। इस क्षेत्र में शांति, स्थिरता और परस्पर भरोसे की अहमियत को समझते हैं। दोनों देश एक दूसरे को संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का आदर करते हैं। भारत अपनी सुरक्षा चिंताओं को समझने के लिए अफगानिस्तान की प्रशंसा करता है।''

    भारत ने तालिबान सरकार को नहीं दी मान्यता

    आतंकवाद और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर एक साथ होने के बावजूद भारत ने तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है। यही वजह है कि दोनों विदेश मंत्रियों की बैठक में अफगानिस्तान का किसी भी झंडे का इस्तेमाल नहीं किया गया। दोनों विदेश मंत्रियों का जो फोटो आधिकारिक तौर पर जारी किया गया उसमें ना तो भारत का झंडा है और ना ही अफगानिस्तान का। बाद में अफगानिस्तान के दूतावास भवन के अंदर मुत्तकी की प्रेस वार्ता में तालिबान का झंडा लगा था, हालांकि भवन के बाहर पूर्व अफगानी सरकार के कार्यकाल वाला झंडा ही लगा रहा।

    भारत ने किया अफगानिस्तान की मदद का एलान

    भारत ने काबुल स्थित इंदिरा गांधी इस्टीट्यूट ऑफ चाइल्ड हेल्थ में एक थैलीसिमिया केंद्र, एक आधुनिक डायग्नोस्टिक केंद्र, हीटिंग सिस्टम लगाने के अलावा बगरामी जिले में 30 बिस्तरों वाला एक अस्पताल, काबुल में एक ऑन्कोलॉजी केंद्र और एक ट्रॉमा केंद्र, तीन अन्य प्रांतों में पांच मातृ स्वास्थ्य क्लीनिकों का निर्माण का ऐलान किया है। 20 एंबुलेंस भी दिए गए हैं। भारत ने अफगानिस्तान क्रिकेट को और बढ़ावा देने की बात कही है। भारत की मदद से पहले से चलाई जा रही परियोजनाओं को भी तेजी से शुरू किये जाने की सहमति बनी है।

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