भारी बारिश और लैंडस्लाइड से जम्मू-हिमाचल को तगड़ा नुकसान, हाईवे बंद होने से फलों-सब्जियों के हजारों ट्रक फंसे
इस बार मानसून ने दिल्ली-एनसीआर यूपी बिहार पंजाब हरियाणा और राजस्थान समेत पूरे उत्तर भारत में भारी तबाही मचाई है। पहाड़ी इलाकों में भूस्खलन से रास्ते बंद हो गए हैं जिससे यातायात बाधित है। हिमाचल प्रदेश में 534 सड़कें बंद हैं और 310 लोगों की मौत हो चुकी है। कुल्लू में चंडीगढ़-कुल्लू हाईवे पर भूस्खलन से हजारों ट्रक फंसे हैं जिससे भारी नुकसान हो रहा है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इस बार का मानसून कहर बनकर बरस रहा है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक बारिश ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। यातायात ठप पड़े हैं। मौसम विभाग का भी कहना है कि उत्तर भारत और पहाड़ों में अभी बारिश का दौर जारी रहेगा।
जम्मू के वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भारी बारिश के चलते लैंडस्लाइड होने से 35 लोगों की मौत भी हो गई है।
दिल्ली-एनसीआर, यूपी, बिहार, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में तबाही मचाने के बाद भी बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है।
भूस्खलन को लेकर आज भी अलर्ट
पहाड़ी इलाकों में लगातार कई दिनों से बारिश हो रही है। इसके कारण जम्मू जैसे इलाके में भूस्खलन और रास्ते बंद होने को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, बारिश के कारण थोड़ा तापमान भी कम होने की संभावना है।
चंडीगढ़-कुल्लू हाईवे पर महाजाम
भूस्खलन की सबसे ज्यादा मार कुल्लू झेल रहा है। यहां चंडीगढ़-कुल्लू हाईवे पर लैंडस्लाइड होने से हजारों ट्रक फंस गए हैं, जिसके चलते सेब, टमाटर और अन्य सब्जियां पूरी खराब होती जा रही है। यहां छोटी गाड़ियों के लिए रास्ता तो खोला गया है, लेकिन हजारों ट्रक अभी भी फंसे हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश में 534 सड़कें बंद, 310 की मौत
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण 534 सड़कों को बंद करना पड़ा है। जबकि 1,184 बिजली वितरण ट्रांसफार्मर बाधित हुए हैं। एसडीएमए ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन, अचानक आई बाढ़ और मकान ढहने से राज्य भर में मरने वालों की संख्या बढ़कर 310 हो गई है।
कुल्लू-मंडी का बुरा हाल
कुल्लू में सबसे ज्यादा सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं, जहां एक राष्ट्रीय राजमार्ग सहित 166 सड़कें बंद हैं। इसके बाद मंडी में 216 सड़कें बंद हुईं। कुल्लू (600 ट्रांसफार्मर बाधित) और मंडी (320 ट्रांसफार्मर) में बिजली कटौती सबसे ज़्यादा रही, जबकि कांगड़ा में पानी की आपूर्ति पर सबसे बुरा असर पड़ा।
भारी बारिश से करोड़ों का नुकसान
इस आपदा ने बुनियादी ढांचे और आजीविका को भी भारी नुकसान पहुंचाया है। जम्मू में जहां लैंडस्लाइड से भारी नुकसान की बात कही जा रही है, वहीं हिमाचल में अनुमानित सार्वजनिक संपत्ति को कुल अनुमानित नुकसान 2.45 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
इसमें लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने सड़क क्षति के कारण 1.31 लाख करोड़ रुपये, जल शक्ति विभाग (जेएसवी) ने जलापूर्ति और सिंचाई के कारण 87,226 करोड़ रुपये और बिजली क्षेत्र ने बिजली के बुनियादी ढांचे को 13,946 करोड़ रुपये का नुकसान होने की सूचना दी है।
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