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    जस्टिस रमणा ने CJI के तौर पर अपने कार्यकाल का किया उल्लेख, कहा- 16 महीने में जितना कर सकता था मैंने किया

    By AgencyEdited By: Amit Singh
    Updated: Sat, 24 Sep 2022 04:30 AM (IST)

    पूर्व प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा ने शुक्रवार को कहा कि अपने 16 महीने के कार्यकाल में उन्होंने अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति और न्यायपालिका को सुविधाएं प्रदान करके न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने का प्रयास किया। हालांकि वे पूरी तरह से सुधार नहीं ला सके।

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    पूर्व सीजेआइ ने कहा सब कुछ नहीं कर सका

    हैदराबाद, प्रेट्र: पूर्व प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा ने शुक्रवार को कहा कि अपने 16 महीने के कार्यकाल में उन्होंने अधिक न्यायाधीशों की नियुक्ति और न्यायपालिका को सुविधाएं प्रदान करके न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने का प्रयास किया। हालांकि, वे पूरी तरह से सुधार नहीं ला सके।

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    रासमयी-डा अक्किनेनी लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड दिए जाने के अवसर पर जस्टिस रमणा ने कहा, प्रधान न्यायाधीश रहते हुए मैं जितना कर सकता था, मैंने किया। मैं सब कुछ नहीं कर सका, क्योंकि यह संभव नहीं था। मुझे उम्मीद थी कि स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद देश में पूर्ण न्यायिक सुधार होगा। लेकिन, इसकी संभावना नहीं है। उन्होंने कहा, मैंने न्याय प्रणाली का आधुनिकीकरण किया, ताकि इसे लोगों के करीब लाया जा सके। न्याय तक पहुंच महत्वपूर्ण है। लोगों के मन में न्याय व्यवस्था को लेकर भय नहीं होना चाहिए।

    रिटायर हुईं इंदिरा बनर्जी, सीजेआइ ने कानूनी बिरादरी का आभूषण बताया

    सुप्रीम कोर्ट की पांचवीं वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस इंदिरा बनर्जी शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गईं। शीर्ष अदालत में उनका कार्यकाल चार साल से अधिक का रहा। उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में और अधिक महिलाओं को शीर्ष न्यायपालिका में न्यायाधीश बनाया जाएगा। जस्टिस बनर्जी के साथ विदाई पीठ में सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश यूयू ललित ने उनके योगदान की प्रशंसा की और उनको न्यायिक बिरादरी का आभूषण बताया। कहा कि हम सबको आपकी कमी खलेगी। जस्टिस बनर्जी सुप्रीम कोर्ट की आठवीं महिला जज थीं। उनकी सेवानिवृत्ति के बाद शीर्ष अदालत में तीन महिला न्यायाधीश-जस्टिस हिमा कोहली, बीवी नागरत्ना और बेला एम त्रिवेदी रह गई हैं।