कर्नाटक में बगैर अनुमति भीड़ जुटाने पर होगी सात साल की जेल, एक करोड़ रुपये का लगेगा जुर्माना; बिल लाई सरकार
कर्नाटक सरकार भीड़ प्रबंधन के लिए एक विधेयक लाई है जिसका उद्देश्य बिना अनुमति के भीड़ इकट्ठा करने पर सख्त कार्रवाई करना है जिसमें सात साल की जेल और एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना शामिल है। विपक्ष ने इस विधेयक पर चिंता व्यक्त की है जिसके कारण इसे सदन की एक समिति को भेजा गया है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कर्नाटक की कांग्रेस सरकार चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ की घटना के करीब ढाई महीने बाद भीड़ प्रबंधन को लेकर एक बिल लेकर आई है। इसमें बगैर अनुमति भीड़ जुटाने पर सात वर्ष जेल और एक करोड़ रुपये जुर्माना समेत कई कड़े प्रविधान किए गए हैं।
विपक्ष के विरोध के चलते गुरुवार को इसे सदन की एक समिति के पास विस्तृत चर्चा के लिए भेज दिया गया। भाजपा समेत विपक्षी दलों ने चिंता जताई है कि प्रस्तावित कानून विरोध प्रदर्शनों को सीमित करने के साथ ही सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों पर असर डाल सकता है।
विधानसभा में पेश किए गया बिल
बता दें कि आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की खिताबी जीत का चार जून को जश्न मनाने के दौरान यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई थी। कर्नाटक भीड़ नियंत्रण (कार्यक्रमों और सभा स्थलों पर भीड़ प्रबंधन) विधेयक को बुधवार को विधानसभा में पेश किया गया।
इसे पेश करते समय गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि चिन्नास्वामी स्टेडियम की घटना सजग करने वाली है। राज्य सरकार यह बिल भीड़ को नियंत्रित करने के उद्देश्य के साथ लेकर आई है। इस तरह के जमावड़े के लिए अनुमति लेना अनिवार्य किया गया है और कार्यक्रम के आयेाजकों की जवाबदेही तय करने के प्रविधान हैं।
ये हैं अहम प्रविधान
- सात हजार से कम की भीड़ वाले कार्यक्रम के लिए थाने से अनुमति लेनी होगी
- 50 हजार से कम की भीड़ के लिए डीएसपी या एसीपी से मंजूरी लेनी होगी
- 50 हजार से अधिक के जमावड़े के लिए एसपी या आयुक्त की मंजूरी जरूरी होगी
- आयोजकों को कार्यक्रम से दस दिन पहले अनुमति के लिए आवेदन करना होगा
- 50 हजार से ज्यादा की भीड़ वाले कार्यक्रम के लिए एक करोड़ का बांड भरना होगा
- बिना अनुमति के आयोजन पर सात वर्ष जेल और एक करोड़ जुर्माना हो सकता है
- किसी अप्रिय घटना पर तीन वर्ष लेकर आजीवन कारावास तक हो सकता है
- सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पर आयोजकों करनी होगी भरपाई
- ये प्रविधान पारिवारिक कार्यक्रमों या वैवाहिक समारोहों पर प्रभावी नहीं होंगे
(न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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