कोलकाता लॉ कॉलेज सामूहिक दुष्कर्म कांड, आरोपी गार्ड पिनाकी बनर्जी को मिली जमानत
कोलकाता के एक लॉ कॉलेज में छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपी सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को जमानत मिल गई है। अलीपुर जिला न्यायालय ने 20 हजार रुपये के मुचलके पर यह फैसला सुनाया। अदालत ने आरोपी की उम्र और आरोप पत्र दाखिल होने जैसे कारणों को ध्यान में रखा। अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध किया था, जबकि बचाव पक्ष ने उसे परिस्थितियों का शिकार बताया।

सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को जमानत।
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। महानगर के कसबा स्थित लॉ कालेज में लॉ की छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म के लगभग चार महीने बाद आरोपितों में से एक - कालेज के सुरक्षा गार्ड, पिनाकी बनर्जी (55) को 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी गई।
सोमवार को अलीपुर जिला एवं सत्र न्यायालय की अवकाशकालीन कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बनर्जी को जमानत दे दी। आदेश में कहा गया है कि जमानत इस आधार पर दी गई है कि आरोपपत्र पहले ही दाखिल किया जा चुका है, याचिकाकर्ता 27 जून से हिरासत में है और 55 वर्ष का एक प्रौढ़ व्यक्ति है।
आदेश में कहा गया है कि (पीड़िता) के बयान से ही पता चलता है कि आरोपित/याचिकाकर्ता, सामूहिक दुष्कर्म के अपराध में मुख्य रूप से शामिल अन्य सह-आरोपितों के दबाव और प्रभाव के आगे कुछ हद तक असहाय था।
सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को जमानत
आरोपितों के वकील दिव्येंदु भट्टाचार्य का कहना है कि विशेष लोक अभियोजक ने जमानत का विरोध करते हुए कहा था कि सुरक्षा गार्ड की मंशा थी क्योंकि उसने गेट बंद कर दिए थे और फिर एक आरोपित के दवा खरीदने जाने पर गेट खोल दिए थे। लेकिन हमने कुछ सबूत पेश किए थे और यह भी कहा था कि सुरक्षा गार्ड असहाय था। उसके खिलाफ कुछ भी नहीं था।
भट्टाचार्य ने कहा कि मेरा मुवक्किल परिस्थितियों का शिकार है, वह गवाह हो सकता था, क्योंकि पीड़िता ने भी अपने बयान में कहा था कि वह डरा हुआ और असहाय था। इसी तरह, अन्य सुरक्षा गार्डों ने भी कहा था कि मुख्य आरोपित उन्हें डराता रहता था और कोई कुछ नहीं कह सकता था। कोलकाता पुलिस ने अगस्त में अलीपुर कोर्ट में इस सामूहिक दुष्कर्म कांड में 658 पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया था।
मेडिको-लीगल रिपोर्ट में पुष्टि
मेडिको-लीगल और फोरेंसिक रिपोर्ट पीड़िता के आरोपों की पुष्टि करती हैं। पीड़िता के निचले अंदरूनी वस्त्र पर वीर्य के धब्बे पाए गए थे और डीएनए टाइपिंग मुख्य आरोपित मोनोजीत मिश्रा के रक्त के नमूने से मेल खाती थी। चार्जशीट में कहा गया है कि गवाहों के बयानों से कथित तौर पर इस सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपित मोनोजीत मिश्रा, पापाई, मैंगो कालेज में काफी प्रभाव था।
लॉ कालेज में पूर्व संविदा कर्मचारी और तृणमूल कांग्रेस छात्रसंघ के पूर्व पदाधिकारी मोनोजीत मिश्रा (31), सुरक्षा गार्ड बनर्जी और छात्रों जाएब अहमद (19) और प्रमित मुखर्जी (20) के साथ, 25 जून की घटना के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए थे और इन सब का नाम चार्जशीट में दर्ज है।
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