राजस्थान: कोटा में मतांतरण मामले में पुलिस का एक्शन, दो ईसाई मिशनरियों के खिलाफ केस दर्ज
राजस्थान के कोटा में पुलिस ने मतांतरण के आरोप में दो ईसाई मिशनरियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन पर लोगों को प्रलोभन देकर ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित करने का आरोप है। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि मिशनरियों ने धर्म परिवर्तन के लिए पैसे और अन्य लाभों का वादा किया था। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

कोटा में मतांतरण के दो मामले दर्ज।
जागरण संवाददाता, जयपुर : राजस्थान के कोटा में मतांतरण के दो मामले सामने आए हैं। पुलिस ने मतांतरण करवाने के मामले में आरोपित दो ईसाई मिशनरियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की है। 29 अक्टूबर को प्रदेश में लागू किए गए ''राजस्थान विधि विरूद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2025'' के तहत यह पहला मामला दर्ज हुआ है। अधिनियम की धारा तीन और पांच के तहत मुकदमा दर्ज हुआ है।
आरोप है कि दोनों ईसाई मिशनरियों ने चर्च में हुए धार्मिक कार्यक्रम के दौरान हिंदू समुदाय के विरुद्ध आपत्तिजनक बातें कहने के साथ ही प्रदेश की भाजपा सरकार को ''शैतान का राज'' कहा था। कोटा के बोरखेड़ा पुलिस थाने में दो मिशनरियों के खिलाफ गुरूवार देर रात मामला दर्ज किया गया है।
बोरखेड़ा पुलिस थाना अधिकारी देवेश भारद्वाज ने बताया कि ईसाई मिशनरी दिल्ली निवासी चंडी वर्गीश एवं कोआ निवासी अरुण जान को हिरासत में लिया गया है। दोनों ने चार से छह नवंबर के बीच बीरशेबा चर्च में आत्मिक सत्संग आयोजित किया था। इस दौरान मतांतरण के लिए लोगों को उकसाने के साथ ही हिंदू धर्म को लेकर आपत्तिजनक बातें कही थी। इस कार्यक्रम के वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुए तो पुलिस हरकत में आई है।
पुलिस के अनुसार भारतीय न्याय संहिता की धारा 299 के तहत धार्मिक भावनाओं को आहत करने एवं राजस्थान विधि विरूद्ध संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम-2025 के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस के अनुसार प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दोनों मिशनरी लालच देकर जबरन मतांतरण करवाते थे।

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