स्टैंड-अप इंडिया के तहत 1.80 लाख खाताधारकों को 40,700 करोड़ के लोन आवंटित, सात साल पहले हुई थी योजना की शुरुआत
स्टैंड अप इंडिया योजना की सातवीं वर्षगांठ के अवसर पर वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्टैंड-अप इंडिया योजना ने सुविधाओं से वंचित व कम सुविधा प्राप्त उद्यमियों के लिए परेशानी मुक्त किफायती ऋण सुनिश्चित करके कई लोगों के जीवन को संवारा है।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत पिछले सात सालों में 1.80 लाख खाताधारकों को 40,700 करोड़ के लोन आवंटित किए जा चुके हैं। सात साल पहले अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्टैंड अप योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना की अवधि को वर्ष 2025 तक बढ़ा दिया गया है।
सात साल पहले हुई घोषणा
पांच अप्रैल, 2016 को स्टैंड अप इंडिया योजना की घोषणा की गई थी। योजना की सातवीं वर्षगांठ के अवसर पर वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने कहा कि स्टैंड-अप इंडिया योजना ने सुविधाओं से वंचित व कम सुविधा प्राप्त उद्यमियों के लिए परेशानी मुक्त किफायती ऋण सुनिश्चित करके कई लोगों के जीवन को संवारा है।
उद्यमियों की उद्यमशीलता को मजबूती
वित्त मंत्री ने कहा कि इस योजना से उभरते उद्यमियों की उद्यमशीलता को मजबूती मिली है और ये उभरते उद्यमी रोजगार के सृजनकर्ता बनकर आर्थिक विकास को गति देने और एक मजबूत इकोसिस्टम के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। 18 वर्ष से अधिक आयु वाले अनुसूचित जाति-जनजाति और महिला उद्यमी स्टैंड अप योजना के तहत लोन ले सकते हैं। इस योजना के तहत ऋण केवल ग्रीन फील्ड परियोजनाओं के लिए उपलब्ध हैं। लोन लेने वाले को डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए।
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