Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    'राजनीति से प्रेरित, शिकायतों में कोई आधार नहीं' पूर्व SEBI चीफ मधाबी पुरी बुच को मिली राहत, लोकपाल ने इस मामले पर दी क्लीन चीट

    By Agency Edited By: Piyush Kumar
    Updated: Wed, 28 May 2025 08:17 PM (IST)

    भ्रष्टाचार निरोधक संस्था लोकपाल ने सेबी की पूर्व प्रमुख मधाबी पुरी बुच के खिलाफ अनुचित आचरण के आरोपों को खारिज कर दिया है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर आधारित शिकायतों को लोकपाल ने अनुमान और धारणा करार दिया जिनमें कोई सत्यापन योग्य सबूत नहीं थे। लोकपाल ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा सहित अन्य शिकायतकर्ताओं की शिकायतों को भी खारिज कर दिया।

    Hero Image
    लोकपाल ने बुधवार को पूर्व सेबी चीफ मधाबी पुरी बुच को दी राहत। (फाइल फोटो)

    पीटीआई, नई दिल्ली। भ्रष्टाचार निरोधक संस्था लोकपाल ने बुधवार को पूर्व सेबी (सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) चीफ मधाबी पुरी बुच के खिलाफ अनुचित आचरण और हितों के टकराव के आरोपों को खारिज कर दिया।

    यह आरोप हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट पर आधारित थे, जिसे लोकपाल ने "अनुमान और धारणाओं" पर आधारित बताते हुए कहा कि इनका कोई सत्यापन योग्य सबूत नहीं है।

    लोकपाल ने टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा सहित अन्य शिकायतकर्ताओं की शिकायतों को खारिज करते हुए कहा कि ये आरोप हिंडनबर्ग की 10 अगस्त 2024 की उस रिपोर्ट पर आधारित थे, जो "अदाणी समूह को निशाना बनाने वाले एक शॉर्ट-सेलर व्यापारी" की थी।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बुच और अदाणी समूह ने आरोपों को किया खारिज

    रिपोर्ट में दावा किया गया था कि बुच और उनके पति के पास कुछ ऑफशोर फंड्स में हिस्सेदारी थी, जिनका उपयोग कथित तौर पर अडानी समूह से जुड़े मनी-साइफनिंग घोटाले में किया गया था। बुच और अदाणी समूह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए इसे सेबी की विश्वसनीयता पर हमला और चरित्र हनन की कोशिश बताया था।

    लोकपाल की छह सदस्यीय बेंच की अध्यक्षता जस्टिस ए. एम. खानविलकर ने की। उन्होंने आदेश में कहा कि शिकायतों में कोई ठोस सबूत नहीं है और ये भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 11 के तहत अपराध के दायरे में नहीं आते। इसके आधार पर शिकायतों को खारिज कर दिया गया।

    लोकपाल ने शिकायतकर्ताओं से मांगे थे जवाब

    मधाबी पुरी बुच ने 2 मार्च 2022 को सेबी प्रमुख का पद संभाला था और 28 फरवरी 2025 को अपना कार्यकाल पूरा किया। लोकपाल ने पिछले साल 8 नवंबर को बुच से महुआ मोइत्रा और दो अन्य शिकायतकर्ताओं की शिकायतों पर स्पष्टीकरण मांगा था। बुच ने 7 दिसंबर 2024 को हलफनामे के जरिए जवाब दिया, जिसमें उन्होंने प्रारंभिक आपत्तियां उठाईं और आरोपों का खंडन किया।

    यह भी पढ़ें'Gensol के पुणे EV प्लांट में नहीं हो रहा था उत्पादन, सिर्फ दो-तीन मजदूर मिले'; SEBI का खुलासा