मदुरै मंदिर दीपक विवाद: कोर्ट ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव, DGP और जिला कलेक्टर को किया तलब
मदुरै के थिरुप्परनकुंद्रम मुरुगन मंदिर में कार्तिगई दीपम पर पहाड़ी पर दीप प्रज्वलन के मामले में मद्रास उच्च न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाया है। न्यायाधीश ...और पढ़ें

मद्रास उच्च न्यायालय ने तमिलनाडु के मुख्य सचिव, DGP और जिला कलेक्टर को किया तलब
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मदुरै के प्रसिद्ध थिरुप्परनकुंद्रम मुरुगन मंदिर में कार्तिगई दीपम के दिन पहाड़ी पर पारंपरिक दीप प्रज्वलन को लेकर चल रहे विवाद मामले में मंगलवार को सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जी.आर. स्वामीनाथन ने अपने आदेश का पालन न करने पर शीर्ष अधिकारियों को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया।
दरअसल, मद्रास उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जी.आर. स्वामीनाथन ने राम रविकुमार द्वारा दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई करते हुए तमिलनाडु के मुख्य सचिव, DGP, मदुरै कलेक्टर और पुलिस उपायुक्त सहित शीर्ष अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होने का कड़ा आदेश दिया है।
अदालत की अवमानना की कार्रवाई
मीडिया से बातचीत के दौरान अधिवक्ता कार्तिकेयन एन ने कहा कि मदुरै के पुलिस उपायुक्त को एक वैधानिक नोटिस जारी किया गया है, जिसमें पूछा गया है कि उनके खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई क्यों न शुरू की जाए।
याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अधिकारी अदालत के आदेश का पालन किए बिना मामले को खींचने का प्रयास कर रहे हैं।
वहीं, राज्य की ओर से पेश हुए अतिरिक्त एडवोकेट जनरल वीरा कथिरवन ने बताया कि तिरुप्पारनकुंड्रम पहाड़ी की चोटी पर दीपक जलाने के संबंध में एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली तमिलनाडु अधिकारियों द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 1 दिसंबर को न्यायमूर्ति स्वामीनाथन ने मंदिर प्रबंधन को आदेश दिया था कि 3 दिसंबर को कार्तिगई दीपम उत्सव के दौरान थिरुप्परनकुंद्रम पहाड़ी में एक पत्थर के स्तंभ पर दीप प्रज्वलित करने की व्यवस्था की जाए। लेकिन कोर्ट के आदेश के बावजूद कार्यक्रम नहीं हुआ तो न्यायाधीश ने याचिकाकर्ता और दस अन्य लोगों को 3 दिसंबर की शाम को सीआईएसएफ सुरक्षा के साथ दीप प्रज्वलित करने की अनुमति दे दी।
इसके बाद 4 दिसंबर को अवमानना याचिका स्वीकार करते हुए न्यायालय ने कार्तिगाई दीपम उत्सव के दौरान जिला कलेक्टर द्वारा लागू किए गए निषेधाज्ञा आदेश को रद कर दिया।
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