महाराष्ट्र में 4 साल में 124 बाघों और 537 तेंदुओं की मौत कैसे हुई? RTI रिपोर्ट में हुआ खुलासा
महाराष्ट्र में 2022 से सितंबर 2025 के बीच 142 बाघ और 537 तेंदुए कम हो गए हैं। आरटीआई के जवाब में सामने आए इन आंकड़ों के अनुसार, ज्यादातर बाघों और तेंदुओं की मौत अवैध शिकार, दुर्घटनाओं और बिजली के झटके लगने के कारण हुई है। इस साल सितंबर तक 35 बाघ और 115 तेंदुओं की जान गई है, जिनमें प्राकृतिक कारणों के साथ-साथ मानव-जनित कारण भी प्रमुख हैं।

महाराष्ट्र में बाघों और तेंदुओं की मौत पर सामने आए आंकड़े। फाइल फोटो
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। महाराष्ट्र में बाघ और तेंदुओं को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। 2022 से सितंबर 2025 के बीच राज्य में 142 बाघ कम हो गए हैं और 537 तेंदुओं की भी मौत हो चुकी है। वहीं, ज्यादातर बाघों और तेंदुओं की मौत की वजह अवैध शिकार, दुर्घटना और बिजली के झटके लगने के कारण हुई है।
नागपुर के वन सरंक्षक अधिकारी ने एक आरटीआई के जवाब में यह आंकड़ें पेश किए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में इस साल सितंबर तक 35 बाघ और 115 तेंदुओं की जान गई है। इससे पहले 2024 में 26, 2023 में 52 और 2022 में 29 बाघों की मृत्यु हुई थी।
मौत की वजह क्या?
इनमें 21 बाघों की मौत की वजह प्राकृतिक कारण हैं। वहीं, दुर्घटना से 5, बिजली के झटके लगने और अवैध शिकार से 5 बाघ मारे गए। हालांकि, 4 बाघों की मरने की वजह साफ नहीं है।
वन अधिकारी के अनुसार,
कई शिकारी बाघों और तेंदुओं को खाल या पंजों के लिए निशाना बनाते हैं। ब्लैक मार्केट में इनकी कीमत लाखों में होती है। वहीं, पशुओं पर हमलों को रोकने के लिए भी उन्हें मार दिया जाता है।
तेंदुओं की मौत के आंकड़े
तेंदुओं की बात करें तो 2025 में 115 तेंदुओं की जान गईं, जिनमें 44 तेंदुए प्राकृतिक कारणों से मरे। 42 दुर्घटना, 2 शिकार, 3 बिजली की झटको और 21 तेंदुओं की मौत अन्य कारणों से हुई। बता दें कि स्टेटस ऑफ टाइगर्स इन इंडिया रिपोर्ट 2022 के अनुसार, महाराष्ट्र में बाघों की संख्या 444 दर्ज की गई थी।
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