'...तब तक नहीं भरूंगी फॉर्म', ममता बनर्जी ने बताया SIR का फॉर्म लेकर अधिकारी क्यों पहुंचे थे उनके घर?
पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के दौरान, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने अभी तक गणना फार्म नहीं भरा है। उन्होंने कहा कि जब तक राज्य का हर नागरिक फार्म नहीं भर लेता, तब तक वह ऐसा नहीं करेंगी। उन्होंने मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया जिसमें कहा गया था कि उन्होंने स्वयं बीएलओ से फार्म लिया था, और इसे भ्रामक बताया। तृणमूल कांग्रेस ने सुनिश्चित करने की अपील की है कि कोई भी योग्य मतदाता छूटे नहीं।

ममता बनर्जी ने SIR फॉर्म पर दिया स्पष्टीकरण
राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) शुरू है। इसी क्रम में बुधवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित उनके आवास पर बूथ लेवल अधिकारी(बीएलओ) ने गणना फार्म लेकर पहुंचा और वहां दे दिया।
इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को दावा किया कि उन्होंने खुद फार्म नहीं भरा है। उन्होंने कहा है कि जब तक बंगाल का हर व्यक्ति फार्म नहीं भर लेता है, तब तक वह खुद फार्म नहीं भरेंगी।
ममता बनर्जी ने SIR फॉर्म पर दिया स्पष्टीकरण
ममता ने इंटरनेट मीडिया पर फेसबुक पर लिखा कि कल, प्रभारी BLO अपना विशिष्ट कार्य करने के लिए हमारे पड़ोस में आए थे। काम के माध्यम से वे मेरे निवास कार्यालय में आए और पता लगाया कि निवास में कितने मतदाता हैं और उन्हें फार्म दिए। जब तक बंगाल का प्रत्येक व्यक्ति फार्म नहीं भरता, मैंने खुद कोई फार्म नहीं भरा है और न ही भरूंगी।
विभिन्न मीडिया आउटलेट्स और अखबारों ने प्रकाशित किया है कि 'मैं निवास से बाहर आई और अपने हाथों से बीएलओ से गणना फार्म लिया। यह खबर पूरी तरह से झूठी, भ्रामक और उद्देश्यपूर्ण प्रचार है। बताते चलें कि बीएलओ बुधवार सुबह करीब 10.30 बजे मुख्यमंत्री आवास 30 बी हरीश चटर्जी स्ट्रीट पहुंचा। सुरक्षा गार्डों ने उससे पूछताछ की। उसने अपना पहचान पत्र दिखाया।
तदनुसार, उसके पहचान पत्र की जांच की गई और तलाशी ली गई। फिर वह अपना बैग और मोबाइल छोड़कर मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंच गया हालांकि, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने स्वयं गणना फार्म नहीं लिया। ज्ञात हो कि पिछले मंगलवार से ही घर-घर गणना फार्म बांटने का काम शुरू हो गया है। इस बीच, तृणमूल हमेशा से मांग करती रही है कि किसी वैध मतदाता का नाम एसआइआर से छूटना नहीं चाहिए।

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