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    'बंकिम बाबू को उचित सम्मान नहीं मिला, देश से माफी मांगे PM', बोलीं ममता बनर्जी 

    Updated: Tue, 09 Dec 2025 10:43 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कूचबिहार में एक रैली के दौरान मनरेगा से जुड़े केंद्र सरकार के एक पत्र को फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र ...और पढ़ें

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    ममता ने कूचबिहार में मनरेगा का पत्र फाड़ा

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को कूचबिहार में वोटर अधिकार रक्षा जनसभा की रैली में मंच पर 100 दिन की रोजगार योजना से जुड़ा एक पत्र सबके सामने फाड़ दिया। कहा कि केंद्र सरकार की नई शर्तें बंगाल के लिए अपमानजनक हैं और राज्य इन्हें नहीं मानेगा।

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    कहना था कि बंगाल 100 दिन का काम अपनी ही शर्तों पर चलाता रहेगा। एक पत्र दिखाते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र ने हाल ही में इसे भेजकर मनरेगा का पैसा देने के लिए नई शर्तें रखी हैं। सवाल उठाया कि दिसंबर महीने में तिमाही श्रम बजट कैसे दिखाया जाए।

    ममता ने कहा कि पत्र में लिखा है कि एक ग्राम पंचायत में सिर्फ 10 लोगों को काम मिलेगा। पूछा, यह कैसे संभव है? एक गरीब परिवार में ही कई बार 10 लोग होते हैं। यह भी कहा कि पत्र में प्रशिक्षण की बात कही गई है और जमीन से जुड़ा काम न करने की शर्त रखी गई है।

    दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि इस कागज की कोई कीमत नहीं है। हमें किसी के दान की जरूरत नहीं है। इसके बाद उन्होंने मंच पर ही वह पत्र फाड़ दिया। भीड़ के जोश में आने पर कहा कि यह मेरा नोट है, कोई आदेश नहीं और मैं इसे अपमान मानकर फेंक रही हूं। केंद्र पर आरोप लगाया कि पिछले चार साल से 100 दिन के काम का पैसा रोका गया है।

    आवास योजना और ग्रामीण सड़क योजनाओं का पैसा भी नहीं दिया जा रहा। यह भी कहा कि पैसा रोके जाने के खिलाफ दिल्ली गए तृणमूल सांसदों पर केस दर्ज कर दिए गए। आक्रामक लहजे में कहा कि बंगाल अपने पैरों पर खड़ा है और किसी की भीख नहीं मांगता।

    पीएम बोले- ठीक है, मैं बंकिम बाबू कहूंगा: ममता ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल के महान साहित्यकार बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय को लोकसभा में 'बंकिम दा' कहकर अपमानित किया है। इसके लिए उन्हें देश से माफी मांगनी चाहिए। 'बंकिम दा' का संबोधन अपमान है।

    भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर ये लोग सत्ता में आए तो हमारी भाषा, संस्कृति, विरासत सब नष्ट कर देंगे। मालूम हो कि सोमवार को लोकसभा में 'वंदे मातरम' के 150 वर्ष पूरे होने पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बंकिम चंद्र को 'बंकिम दा' कहा था।

    इस पर तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने सदन में ही आपत्ति जताई और कहा कि बंकिम बाबू को सम्मानपूर्वक 'बंकिम बाबू' कहा जाना चाहिए, 'दा' नहीं। पीएम मोदी ने तुरंत हल्के-फुल्के अंदाज में जवाब दिया था, ''ठीक है, मैं बंकिम बाबू कहूंगा।'' तृणमूल कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने इसे एक मुद्दा बनाने की कोशिश शुरू कर दी है।