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    Trump Tariffs War: व्यापार में आने वाली रुकावटों से कैसे बचना है? ब्रिक्स बैठक में जयशंकर ने दिया ये मंत्र

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 05:24 AM (IST)

    विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा कि वैश्विक आर्थिक लेनदेन निष्पक्ष पारदर्शी और सभी के लिए लाभकारी होने चाहिए। उन्होंने स्थायी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया। जयशंकर ने व्यापार और निवेश के लिए स्थिर वातावरण की वकालत की और जलवायु परिवर्तन जैसी चिंताओं पर ध्यान देने की आवश्यकता बताई।

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    ब्रिक्स की बैठक में जयशंकर का संदेश। (फाइल फोटो)

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका के टैरिफ विवाद को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंताओं के बीच विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने सोमवार को ब्रिक्स के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में कहा कि दुनिया के लिए यह अनिवार्य है कि आर्थिक लेनदेन निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के लिए लाभकारी हों।

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    उन्होंने कहा कि दुनिया को स्थायी व्यापार को बढ़ावा देने के लिए रचनात्मक और सहयोगात्मक दष्टिकोण की आवश्यकता है। बाधाओं को बढ़ाने और लेनदेन को जटिल बनाने से कोई फायदा नहीं होगा, न ही व्यापार से जुड़े पहलों को गैर-व्यापारिक मामलों से जोड़ने से ही कोई लाभ होगा।

    बैठक का बैकग्राउंड

    इस शिखर सम्मेलन में जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रतिनिधित्व किया। इसमें चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और ब्रिक्स देशों के समूह के कई अन्य नेताओं ने भी भाग लिया। यह शिखर सम्मेलन ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा द्वारा व्यापार और टैरिफ को लेकर वॉशिंगटन की नीतियों के कारण उत्पन्न व्यापार संबंधी व्यवधानों पर चर्चा के लिए बुलाया गया था।

    जयशंकर ने दिया ये मंत्र

    जयशंकर ने कहा कि दुनिया व्यापार और निवेश के लिए एक स्थिर और पारदर्शी वातावरण चाहती है। उन्होंने कहा कि भारत का दृढ़ विश्वास है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली के खुले, निष्पक्ष, पारदर्शी और गैर-भेदभावपूर्ण दृष्टिकोण जैसे मूलभूत सिद्धांतों की रक्षा की जानी चाहिए।

    जयशंकर ने कहा, "दुनिया एक साथ व्यापार और निवेश के लिए स्थिर और भरोसेमंद माहौल चाहती है। साथ ही यह जरूरी है कि आर्थिक व्यवहार निष्पक्ष, पारदर्शी और सभी के हित में हो। जब कई रुकावटें आती हैं तो हमारा लक्ष्य ऐसे झटकों से बचना होना चाहिए। इसका मतलब है कि अधिक लचीली, भरोसेमंद, वैकल्पिक और छोटी सप्लाई चेन बनाना।"

    उन्होंने यह भी कहा कि जब कई व्यवधान हों तो हमारा उद्देश्य ऐसे झटकों से सुरक्षा प्रदान करना होना चाहिए।

    उन्होंने बड़ी चिंताओं खासकर जलवायु परिवर्तन को नजरअंदाज न करने की जरूरत पर भी जोर दिया।

    उन्होंने कहा, ''दुख की बात है कि जलवायु कार्रवाई और जलवायु न्याय, दोनों ही वर्तमान में वैश्विक प्राथमिकताओं में पिछड़ रहे हैं। हमें नई सोच और पहल की भी जरूरत है।''

    क्या बोले लूला दा सिल्वा?

    रॉयटर के अनुसार, ब्राजील के राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने कहा कि ब्रिक्स देशों के बीच अधिक व्यापार और वित्तीय एकीकरण संरक्षणवाद के प्रभावों को कम करने में मदद करेगा।

    उन्होंने कहा, ''टैरिफ ब्लैकमेल को बाजारों पर कब्जा करने और घरेलू मुद्दों में हस्तक्षेप करने का एक साधन बनाया जा रहा है।'' ब्रिक्स देश ''अनुचित और अवैध व्यापार प्रथाओं के शिकार'' बन गए हैं। हालांकि, अपने संबोधन में उन्होंने सीधे तौर पर अमेरिका का हवाला नहीं दिया।

    (न्यूज एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

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