संतों के प्रवचन चलते रहें, इसके लिए हम डंडा लेकर खड़े हैं- मोहन भागवत
मोहन भागवत ने कहा कि संतों के प्रवचन चलते रहें, इसके लिए वे प्रतिबद्ध हैं और 'डंडा लेकर खड़े हैं'। उन्होंने संतों के मार्गदर्शन को समाज के लिए महत्वपूर्ण बताया और उनकी वाणी को सही दिशा दिखाने वाला बताया।
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डॉ. मोहन भागवत। (फाइल)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि हम सब दिखते अलग-अलग हैं, लेकिन एक हैं। यह जुड़ाव भारत के पास है, दुनिया के पास नहीं है। इसी वजह से दुनिया आज संकट में है और भारत की तरफ देख रही है। हमारे यहां जुड़ाव की वजह संत हैं।
सोमवार को जबलपुर के तिलहरी में आयोजित बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था के 'जीवन उत्कर्ष महोत्सव' को सरसंघचालक ने संबोधित किया। उन्होंने कहा कि संत ईश्वर का अंश हैं। संत और भगवान में अंतर नहीं है। संतों की वाणी समाज को उचित मार्ग दिखाती है। इसीलिए संघ के स्वयंसेवक संतों की सेवा में हैं।
संतों के प्रवचन चलते रहें, इसके लिए हम डंडा लेकर खड़े हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के पास भारत के अलावा कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि यह धर्म-संस्कृति से चलता है। सनातन यहां की ताकत है, पूरी दुनिया इसे सीखना चाहती है। उन्होंने संत विभूति प्रमुख स्वामी महाराज की पुस्तक को पढ़कर उसका अनुकरण करने का आह्वान किया।

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