'अभिवाजित भारत है घर, एक कमरा किसी ने हथिया लिया', मोहन भागवत का बड़ा बयान
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि विभाजन के बाद सिंधी भाई पाकिस्तान में नहीं रुके बल्कि भारत आ गए यह गर्व की बात है। उन्होंने अविभाजित भारत को एक घर बताया और कहा कि परिस्थिति ने हमें उस घर से यहाँ भेजा लेकिन वह घर और यह घर अलग नहीं है।

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि बंटवारे के बाद सिंधी भाई पाकिस्तान में नहीं रुके, बल्कि भारत आ गए, यह गर्व की बात है। परिस्थिति ने हमें उस घर (सिंध, पाकिस्तान) से यहां भेजा, लेकिन वह घर और यह घर अलग नहीं है।
कहा कि अविभाजित भारत वर्ष एक घर है। मेरे घर का एक कमरा किसी ने हथिया लिया है। कल उसे वापस लेकर फिर अपना डेरा वहां डालना है। भागवत ने रविवार को मध्य प्रदेश में सतना के सिंधी कैंप स्थित बाबा मेहर शाह दरबार के नवनिर्मित भवन का लोकार्पण किया।
'अंग्रेजों ने हमें अलग-अलग किया'
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हम सब एक हैं। सभी सनातनी और हिंदू हैं। अंग्रेजों ने हमें टूटा दर्पण दिखाकर अलग-अलग कर दिया था। आज हमें स्वयं को अच्छे दर्पण में देखकर एक होने की आवश्यकता है। जब हम आध्यात्मिक परंपरा वाला दर्पण देखेंगे तो एक दिखेंगे। ये दर्पण दिखाने वाले हमारे गुरु हैं। हमें अपना अहंकार छोड़कर स्वयं को देखना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को तीन भाषाओं राष्ट्रभाषा, क्षेत्रीय भाषा और व्यावहारिक भाषा का ज्ञान होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि सतना का बाबा मेहर शाह दरबार एक तरह की दरगाह है, जिसका इतिहास बहुत पुराना है। इसके प्रति सभी धर्मों के लोगों की आस्था है। यह दरबार आध्यात्मिक शांति और सद्भाव का केंद्र माना जाता है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।