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    दीपावली से पहले व‍िदाई ले रहा मानसून, पूर्वांचल में फ‍िलहाल बनी हुई है सक्र‍ियता

    By Abhishek sharmaEdited By: Abhishek sharma
    Updated: Thu, 09 Oct 2025 04:49 PM (IST)

    इस वर्ष मानसून समय से पहले शुरू हुआ, लेकिन वापसी में देरी हो रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में मानसून के 15 दिनों से टिके रहने के कारण पूर्वांचल में भारी बारिश हुई और नदियों का जलस्तर बढ़ गया। मौसम व‍िभाग की ओर से जारी र‍िपोर्ट में 11 अक्‍टूबर को बताया गया क‍ि मानसून पूर्वांचल में अभी सक्र‍िय है। 

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    मानसून अभी पश्‍च‍िमी उत्‍तर प्रदेश में ही बना होने से बार‍िश की संभावना है।

    जागरण संवाददाता, वाराणसी। इस बार मानसूनी सक्र‍ियता का दौर समय के पहले शुरू तो हुआ लेक‍िन तय समय के बाद भी मानसून लौटने से मानो इन्‍कार कर रहा है। मानसूनी सक्रि‍यता पूर्वांचल के रास्‍ते अमूमन पांच अक्‍टूबर को सोनभद्र ज‍िले से होते हुए वापस हो जाता था। इस बार अगर अगले 11 द‍िन तक और मानसून नहीं लौटा तो इस बार दीपावली पर मानसूनी बार‍िश का साया मंडरा रहा था। लेक‍िन मौसम का रुख बदला और मानसून दोबारा वापसी की ओर हो चला है। मोसम व‍िभाग की 11 अक्‍टूबर की र‍िपोर्ट के अनुसार मानसून की दो द‍िनों से पूर्वांचल में सक्र‍ियता है।  

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    हालांक‍ि द‍िवाली पर बार‍िश होती तो दीयों के बुझने ही नहीं बल्‍क‍ि पटाखों का शोर भी थम जाता। इसके साथ ही इलेक्‍ट्र‍िक झालरों में करंट की श‍िकायतें बढ़ेंगी तो दूसरी ओर कारोबार को भी चुनौती म‍िलती। क्‍योंक‍ि दीपावली पर अध‍िकांश कारोबारी अपनी दुकानें सड़क पर ही लगाकर कारोबार करते हैं। ऐसे में बार‍िश की सूरत बाजार की सूरज भी ब‍िगाड़ सकती है। इसके साथ ही लैया और चूड़ा की आवक भी प्रभाव‍ित हो सकती है। क्‍योंक‍ि भारी बार‍िश की वजह से धान भी कई क्षेत्रों में अभी ठीक से तैयार नहीं हो सका है।  

    इस वर्ष आधा महीने यानी करीब 15 द‍िनों से मानसून एक ही जगह पश्‍च‍िमी उत्‍तर प्रदेश में वापसी में ठ‍िठका रहा है। मानसूनी सक्र‍ि‍यता का रुख रुहेलखंड, मध्‍यांचल, अवध और पूर्वांचल तक लगातार बना हुआ था जो 10 अक्‍टूबर को वापस पूर्वांचल तक जा पहुंचा है। नवरात्र में वाराणसी सह‍ित पूर्वांचल के कई जि‍लों में जमकर मानसूनी बार‍िश हुई और बार‍िश की सक्रि‍यता से तापमान में जहां कमी आई वहीं दूसरी ओर बार‍िश की वजह से शहर भी पानी पानी नजर आया जबक‍ि नद‍ियों का जलस्‍तर भी बढ़ गया है। 

    मानसून एक ही रेखा पर 26 स‍ितंबर से नौ अक्‍टूबर तक लगातार आधा महीने स्‍थि‍र बना था। मानसूनी रेखा के घटने की 15 द‍िन की संभावनाओं ने तो उम्‍मीदों पर पानी फेरा है लेक‍िन अब दशहरा पर भारी बार‍िश कराने के बाद अब मानसूनी बादलों की नजर मानो दीपावली पर लग गई है। हालां‍क‍ि मौसम व‍िभाग ने दि‍वाली के पूर्व मानसून के व‍िदा होने की बात कही है। 

    मानसूनी सक्र‍ियता की रेखा आगे बढ़ने की सूरत तो नजर नहीं आ रही है। मगर बार‍िश होती तो दीया जलाना भी टेढ़ी खीर हो सकता है। वैसे मौसम व‍िभाग के अनुमानों के अनुसार पूर्वांचल के रास्‍ते यूपी से मानसून को पांच अक्‍टूबर तक औसतन हर हाल में व‍िदा हो जाना था।

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    मौसम व‍िभाग ने मानसून के अब भी आधे से अध‍िक उत्‍तर प्रदेश के क्षेत्रों में सक्र‍िय होने की जानकारी दी है।