Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बच्चों की मौत के बाद अंडरग्राउंड हो गया था फार्मा मालिक, MP पुलिस ने कैसे आधी रात को किया गिरफ्तार?

    Updated: Thu, 09 Oct 2025 01:27 PM (IST)

    मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप से 22 बच्चों की मौत के मामले में सरेसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को चेन्नई में गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने कांचीपुरम में कंपनी के कारखाने पर छापा मारा और दस्तावेज जब्त किए। रंगनाथन की गिरफ्तारी के लिए 20,000 रुपये का इनाम घोषित किया गया था। कंपनी की लापरवाही और नियमों की अनदेखी की जांच की जा रही है। पुलिस आपूर्ति श्रृंखला के हर पहलू की जांच करेगी।

    Hero Image

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सिरप 'कोल्ड्रिफ' से 22 बच्चों की मौत के मामले में मुख्य आरोपी सरेसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदन को आखिरकार पुलिस ने धर दबोचा। गुरुवार तड़के 1:30 बजे चेन्नई में एक नाटकीय ऑपरेशन में उनकी गिरफ्तारी हुई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रंगनाथन और उनकी पत्नी कोल्ड्रिफ सीरप पीने के बाद 22 बच्चों की मौत के बाद से फरार थे। पुलिस ने सटीक खुफिया जानकारी के आधार पर कार्रवाई की। छिंदवाड़ा पुलिस की एक विशेष टीम 5 अक्टूबर को चेन्नई पहुंची। इसमें महिला अधिकारी, साइबर विशेषज्ञ और ड्रग इंस्पेक्टर शामिल थे। इस ऑपरेशन की योजना बेहद सावधानी से बनाई गई थी।

    चेन्नई से छिंदवाड़ा तक जांच का घेरा

    रंगनाथन की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कांचीपुरम में सरेसन फार्मा के कारखाने पर छापा मारा और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए। अब पुलिस चेन्नई कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड मांग रही है ताकि रंगनाथन को छिंदवाड़ा लाकर पूछताछ की जा सके। जांच में पता चला कि रंगनाथन के वाहनों, निवास और बैंक लेनदेन की निगरानी कर पुलिस ने उनके ठिकानों का पता लगाया।

    इससे पहले, छिंदवाड़ा पुलिस ने रंगनाथन की गिरफ्तारी के लिए 20,000 रुपये के इनाम की घोषणा की थी। यह कदम तब उठाया गया जब बच्चों की मौत की घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया। सरेसन फार्मा की लापरवाही और नियमों की अनदेखी अब जांच के केंद्र में है।

    जहरीले सिरप का काला कारोबार

    सरेसन फार्मास्यूटिकल्स 1990 में एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के रूप में पंजीकृत थी। बाद में कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के रजिस्टर से हटा दी गई थी। फिर भी यह एक प्रोप्राइेटरी ढांचे के तहत काम करती रही। इसपर नियामक निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। कंपनी सिरप, टॉनिक और हर्बल फॉर्मूलेशन के व्यापार का दावा करती थी।

    अब पुलिस की जांच आपूर्ति श्रृंखला के हर पहलू तक पहुंचेगी। रासायनिक आपूर्तिकर्ताओं, स्टॉकिस्टों और मेडिकल प्रतिनिधियों की भूमिका की जांच होगी ताकि इस घातक नेटवर्क का हर कड़ी तलाशा जा सके।

    यह भी पढ़ें: सीबीआई करेगी कफ सीरप मामले की जांच? सुप्रीम कोर्ट में कल होगी सुनवाई